नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि 15-20 साल तक किसी का नंबर नहीं लगने वाला है। जो कुछ करेंगे लंबे समय तक हम ही करेंगे। विपक्ष को लगता है कि शायद हम आएंगे तो बदलेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। इसमें बहुत देर है। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना 19 जैसी आपदा, बढ़ता शहरीकरण और अनियमित बारिश की आपदा व जलवायु परिवर्तन से आपदाओं का आकार बदल गया है। इससे निपटने के लिए हमें तरीके बदलने पड़ेंगे। हमें इससे निपटने की व्यवस्थाएं बदलनी होंगी। इसके अलावा हमें संस्थाओं का आकार बढ़ाना होगा और उनकी जवाबदेही में तय करनी होगी।
अमित शाह ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन संस्थाओं को शक्तियां भी देनी होंगी। उन्होंने कहा कि आज एनडीआरएफ की 16 बटालियन काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि एनडीआरएफ के भगवा रंग के कपड़े लोगों को यह विश्वास दिलातें हैं कि यह आ गए, अब हम बच जायेंगे।
उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने आपदा में सहायता करने के मानदंड तय किए हैं। सहायता किस तरह की जाएगी, किस दर से की जाएगी, यह भी तय किया है। मरने वाले पशु दुधारू है या नहीं, गिरने वाला मकान कच्चा था या पक्का, इस आधार पर सहायता की राशि तय है।
जेकेपीएम और जेकेडीपीएम के अलग होने की सराहना की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हुर्रियत काॅन्फ्रेंस के दो घटकों जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और जेएंडके डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (जेकेडीपीएम) ने अपने सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। इससे भारत की एकता मजबूत होगी। मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है। अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए त्याग दें। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की बड़ी जीत है।