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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: आतंकी संगठन आईएस द्वारा भारत पर हमले की धमकी पर देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा, हम तैयार हैं। सभी धर्मों और जातियों के लोग अपनी पूरी ताकत के साथ आतंकियों से लड़ेंगे। सरकार देश की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम भी उठा रही है। राजनाथ सिंह ने कहा, इस देश को सुरक्षित रखने के लिए जो कदम उठाने की आवश्यकता है, हम उठा रहे हैं। मैं महसूस करता हूं कि इस देश के लोगों में भरोसे की भावना है। सभी लोग अपनी पूरी ताकत के साथ आतंकियों के नापाक मंसूबों को उखाड़ फेंकेंगे। बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा, इन दिनों समाज और धर्म के बीच संघर्ष बढ़ रहे हैं। इन संकटों का हल बुद्ध के संदेश में पाया जा सकता है। इसमें आतंकवाद और चरमपंथ का भी समाधान है। उन्होंने कहा, यदि सभी अहिंसा में यकीन करना शुरू कर दें, तो ऐसी घटनाएं नहीं बढ़ सकतीं। कोई धर्म किसी धर्म को नहीं काटता बल्कि, वे एक दूसरे के पूरक हैं। मैं जानता हूं कि कुछ अलगाववादी तत्व समुदायों के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। आईएस की धमकी वाला वीडियो 22 मिनट का है, जो शुक्रवार को जारी किया गया। इस वीडियो में अरबी भाषा का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन बीच-बीच में इसमें हिन्दी बोलते हुए आतंकी नजर आ रहे हैं।

नई दिल्ली: महिलाओं के लिए राजनीति दुश्कर कार्य होने की आम धारणा को खारिज करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि परिवार चलाना राजनीति करने की अपेक्षा कहीं ज्यादा कठिन है। स्मृति ने वुमेन्स इकोनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के समापन सत्र में कहा कि वह समझती हैं कि राजनीति करने से कहीं ज्यादा कठिन परिवार चलाना है। उन्होंने कहा कि राजनीति उतनी खराब या दुश्कर नहीं है जितना इसे बताया जाता है। उन्होंने कहा कि राजनीति और महिलाओं के बारे में काफी कुछ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यह कहकर महिलाओं के राजनीति में प्रवेश को हतोत्साहित किया जाता है कि यह काफी कठिन क्षेत्र है। स्मृति ने कहा कि राजनीति उतनी खराब या कठिन नहीं है, जितना बताया जाता है। अगर किसी को कॉरपोरेट क्षेत्र या सामाजिक क्षेत्र का अनुभव है तो यह काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं के लिए बाधाएं पार करना और नेतृत्व की स्थिति में पहुंचना कठिन है।

ढाका/आईजोल: चक्रवात रोआनू ने शनिवार को पूर्वोत्तर भारत त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और दक्षिणी असम में जमकर तबाही मचाई। बांग्लादेश के दक्षिण तट तबाही से कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक घायल हो गए। यहां प्रशासन ने पांच लाख लोगों को इलाके दूर कर दिया है। वहीं पूर्वोत्तर भारत में भी जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया। 88 किलोमीटर प्रतिघंटा की तेज हवा के साथ आये इस चक्रवात ने बांग्लादेश के बारीसाल-चटगांव क्षेत्र पर बहुत बुरा असर डाला है और अन्य हिस्से भी प्रभावित हुए हैं। देश में शनिवार को तड़के से ही ज्यादातर स्थानों पर वर्षा हुई और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। आंधी और तेज हवा भी चली। बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक मोहम्मद रियाज अहमद ने कहा, 'अब तक हमें 20 व्यक्तियों की मौत का पता चला है, उनकी संख्या बढ़ सकती है।' दोपहर बाद यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्रमिक रूप से ढीला पड़ा। अहमद के अनुसार ऐसा जान पड़ता है कि उत्तरपश्चिम चटगांव पर चक्रवात का सबसे बुरा असर पड़ा। यह 80 किलोमीटर की रफ्तार से तटीय रेखा पहुंचा और केवल इस बंदरगाह शहर में नौ लोगों की मौत हो गई। भोला, नोआखाली, और कोक्स बाजार तटीय जिलों में तीन तीन मौत हो गईं।

नई दिल्‍ली: भीषण गर्मी से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं, क्योंकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आज कहा कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में लू की स्थिति बनी रहेगी। राजस्थान, मध्यप्रदेश और विदर्भ में कुछ स्थानों पर गर्म हवाओं के चलने की प्रबल आशंका है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, गुजरात और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में लू की स्थिति रह सकती है। मौसम विभाग ने कल के लिए राजस्थान, विदर्भ, पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को लेकर चेतावनी जारी की है। इन दिनों देश के कई हिस्से भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं और मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार मानसून छह दिनों के विलंब से आएगा।

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