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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

ढाका/आईजोल: चक्रवात रोआनू ने शनिवार को पूर्वोत्तर भारत त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और दक्षिणी असम में जमकर तबाही मचाई। बांग्लादेश के दक्षिण तट तबाही से कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक घायल हो गए। यहां प्रशासन ने पांच लाख लोगों को इलाके दूर कर दिया है। वहीं पूर्वोत्तर भारत में भी जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया। 88 किलोमीटर प्रतिघंटा की तेज हवा के साथ आये इस चक्रवात ने बांग्लादेश के बारीसाल-चटगांव क्षेत्र पर बहुत बुरा असर डाला है और अन्य हिस्से भी प्रभावित हुए हैं। देश में शनिवार को तड़के से ही ज्यादातर स्थानों पर वर्षा हुई और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। आंधी और तेज हवा भी चली। बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक मोहम्मद रियाज अहमद ने कहा, 'अब तक हमें 20 व्यक्तियों की मौत का पता चला है, उनकी संख्या बढ़ सकती है।' दोपहर बाद यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्रमिक रूप से ढीला पड़ा। अहमद के अनुसार ऐसा जान पड़ता है कि उत्तरपश्चिम चटगांव पर चक्रवात का सबसे बुरा असर पड़ा। यह 80 किलोमीटर की रफ्तार से तटीय रेखा पहुंचा और केवल इस बंदरगाह शहर में नौ लोगों की मौत हो गई। भोला, नोआखाली, और कोक्स बाजार तटीय जिलों में तीन तीन मौत हो गईं।

उन्होंने कहा, 'बुनियादी ढांचे और अन्य नुकसान के मायने से चटगांव सबसे अधिक प्रभावित हुआ। चक्रवात ने 40,000 घरों और व्यावसायिक मकानों को नुकसान पहुंचाया।' वहीं आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 'रोनू' 45-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। अभी तक चक्रवात के कारण किसी बड़े नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। त्रिपुरा, मिजोरम और दक्षिणी असम में आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा कि निचले इलाकों में बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं और बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए हैं। अगरतला में नौ घंटों तक लगातार 110.6 मिलीमीटर बारिश हुई। यह शाम 5.30 बजे तक जारी रही।

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