ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

वाशिंगटन: विकसित देशों से भारत जैसे देशों की वस्तु एवं सेवाओं के लिए बाज़ार खोलने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत 'वृद्धि के एक नए इंजन' के रूप में वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान करने को तैयार है। पीएम ने यहां अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के सालाना समारोह में अमेरिकी कारोबारी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, "अब समय आ गया है, जब विश्व को वृद्धि के नए इंजन की ज़रूरत है... अच्छा होगा कि नए इंजन लोकतांत्रिक इंजन हों..." प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत वैश्विक वृद्धि में नए इंजन की भूमिका अदा करने के लिए तैयार है... विस्तृत भारतीय अर्थव्यवस्था से विश्व को भी अनेक फायदे हैं..." उन्होंने आर्थिक सुधार और नीतियों के उदारीकरण की दिशा में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि भारत इस समय विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन गया है, इसलिए अमेरिकी कंपनियों से अपील है कि वे भारत में आएं, निवेश करें, और दक्ष विनिर्माण इकाइयां स्थापित करें। उन्होंने कहा, "भारत बाज़ार के अलावा भी बहुत कुछ है... वह विश्वसनीय भागीदार है..." प्रधानमंत्री ने उभरती भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का इंजन बनने के लिए तैयार है।

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाशिंगटन यात्रा के दूसरे दिन व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की। बैठक के बाद ओबामा ने कहा कि संवेदनशील तकनीक हस्तांतरण के लिए अमेरिका एनएसजी और एमटीसीआर में भारत के शामिल होने का समर्थन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) सदस्यता के लिए अमेरिकी समर्थन के लिए ओबामा का धन्यवाद दिया। मोदी ने कहा कि दोनों देश असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में और सहयोग बढ़ाएंगे और उम्मीद जताई कि भारत को स्वच्छ ऊर्जा के लिए जरूरी तकनीक और निवेश हासिल हो सकेगा। प्रधानमंत्री ने परमाणु सुरक्षा, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत की 80 करोड़ की युवा शक्ति अमेरिका के साथ मिलकर मानवता के कल्याण के लिए काम करेगी। पीएम ने कहा कि जी-20 में वह फिर ओबामा के साथ मिलेंगे। वहीं, ओबामा ने कहा कि भारत को तकनीक की जरूरत है और हम एनएसजी में उसका समर्थन करेंगे। ओबामा ने तीन अन्य निर्यात नियंत्रण व्यवस्था ऑस्ट्रेलिया समूह, एमटीसीआर और वासेनार समझौते में भारत की सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया। इससे भारत को अमेरिका से सैन्य ड्रोन और अन्य उच्च तकनीकी मिसाइलें हासिल करने में मदद मिलेगी। एमटीसीआर समूह की अगली बैठक सितंबर में होनी है।

नई दिल्ली: चीन ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार किया है कि 26 नवंबर को मुंबई शहर पर हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका थी। इन हमलों में 164 लोग मारे गए थे और 308 व्यक्ति घायल हो गए थे। चीन के सरकारी टेलिविजन सीसीटीवी 9 पर हाल में प्रसारित किए गए एक डॉक्युमेंट्री में मुंबई पर हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान में मौजूद उसके आकाओं की भूमिका को प्रमुखता से दिखाया गया है। जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति द्वारा लिस्टिंग में चीन ने पिछले साल सितंबर में तकनीकी आपत्ति दर्ज कराई थी। इस आपत्ति की मियाद 9 जून को खत्म होने वाली है। इस लिहाज से सीसीटीवी 9 की डॉक्युमेंट्री को अहम माना जा सकता है। ये तीन आतंकी हैं हाफिज अब्दुल रहमान मक्की, तलहा सईद और हाफिद अब्दुल रऊफ। तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों ने इन पर प्रतिबंध का समर्थन किया था लेकिन पाकिस्तान की शह पर चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ हाफिज सईद के नाम पर ऐसी ही तकनीकी आपत्ति की वजह से चीन दुनिया भर की आलोचना का सामना पहले से ही कर रहा है। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति ने पहले ही बैन कर रखा है।

वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने छह दिवसीय विदेश दौरे के सबसे अहम पड़ाव अमेरिका पहुंचे गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को यहां अनोखा और बेशकीमती तोहफा मिला। दरअसल, भारत से तस्करी कर ले जाई गईं दुर्लभ सांस्कृतिक कलाकृतियों को अमेरिका ने लौटाया है। इन कलाकृतियों की कीमत लगभग 10 करोड़ डॉलर है। ब्लेयर हाउस में आयोजित एक समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महान संपदा वापस करने के लिए अमेरिका सरकार और राष्ट्रपति बराक ओबामा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, कुछ लोगों के लिए इन कलाकृतियों की कीमत मुद्रा के रूप में हो सकती है लेकिन हमारे लिए यह इससे कहीं ज्यादा है। यह हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। अमेरिका की ओर से लौटाई गई चीजों में धार्मिक मूर्तियां, कांसे और टैराकोटा की कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कई कलाकृतियां तो 2000 साल पुरानी हैं। इन्हें भारत के सबसे संपन्न धार्मिक स्थलों से लूटा गया था। इनमें एक मूर्ति संत माणिककविचावकर की है, जो चोल काल (850 ईसा पश्चात से 1250 ईसा पश्चात) के तमिल कवि थे। इस मूर्ति को चेन्नई के सिवान मंदिर से चुराया गया था। इसकी कीमत 15 लाख डॉलर है। इसके अलावा लौटाई गई चीजों में भगवान गणेश की एक कांसे की मूर्ति भी है, जो 1000 साल पुरानी मालूम होती है। विकास स्वरूप की ट्वीट के मुताबिक, अमेरिका की अटॉर्नी जनरल लोरेटा लिंच ने कहा, “हमने आज चोरी हुई 200 से ज्यादा सांस्कृति चीजें भारत को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की।” अमेरिकी अटॉर्नी जनरल लोरेटा ई मिंच ने कहा कि भारत के शानदार इतिहास और खूबसूरत संस्कृति को बयां करने वाली ये कलाकृतियां अपने घर वापस जाने के सफर की शुरुआत कर रही हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख