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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बावजूद मोदी सरकार के सामने अब नई समस्या खड़ी होती नज़र आ रही है। केंद्रीय कर्मचारियों ने वेतन में 23 फीसदी की बढ़ोत्तरी को छलावा बताते हुए इसे वेतन आयोग अब तक का सबसे ख़राब सिफारिश बताया है। इसके साथ ही यूनियंस ने 48 साल में अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी है। केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन ने घोषणा की है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ आगामी 11 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारी देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। कर्मचारियों के इस संगठन के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा के मुताबिक उन्होंने वेतन आयोग की सिफारिशों पर पहले ही आपत्ति दर्ज करा दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आपत्ति को दरकिनार करते हुए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को ज्यों का त्यों लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने की सिफारिश की गई है, जबकि इसे 26 हजार करने की जरूरत है। वेतन आयोग का विरोध कर रहे कर्मचारियों का आरोप है कि वेतन में तकनीकी रूप से सिर्फ 14 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। सभी अलाउंस को जोड़ कर 23 फीसदी की जादूगरी दिखाई गई है।

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्स एप पर बैन लगाने की मांग करने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया है। इसमें देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होने की बात कही गई थी। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आज भारत में व्हाट्स एप बैन लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्स एप को बैन करने की अपील की गई थी। व्हाट्स एप की एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन पॉलिसी को आधार बात कर हरियाणा के आरटीआई कार्यकर्ता सुधीर यादव ने ये याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वो अपनी मांग केंद्र के सामने रखे। इस याचिका में कहा गया था कि कि, बीते अप्रैल से व्हाट्स एप ने एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन की सुविधा शुरू कर दी है, जिस सिक्योरिटी को तोड़ना आसान नहीं है। अगर व्हाट्स एप से भी किसी व्यक्ति विशेष का डेटा सरकार मांगती है तो वह खुद इन मैसजों को डिकोड नहीं कर पाएंगे। भरत में व्हाट्स एप बैन करने की वकालत करते हुए याचिका में कहा गया कि इस फीचर की मदद से कोई भी आतंकी और अपराधी अपनी योजना के बारे में व्हाट्स एप पर चैट कर सकता है। साथ ही देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है और हमारी सुरक्षा एजेंसी भी इस मैसेज का पता नहीं लगा पाएंगी। यादव ने याचिका में यह भी कहा था कि 256-bit के मैसेज को डिकोड करने में 100 से ज्यादा साल लग जाएंगे। बता दें कि व्हाट्सएप्प ने अप्रैल 2016 से यह यूजर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया था।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कल एक इंटरव्यू में किए गए विदेश नीति से जुड़े दावों को आज (बुधवार) कांग्रेस ने सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि चीन से भारत के रिश्ते बेहद खराब हुए हैं और पाकिस्तान की सीमा से होने वाली घुसपैठ और आतंकवादी हमलों में काफी इजाफा हुआ है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने हैरत जताई कि मोदी सरकार अपनी विदेश नीति को सफल कैसे बता सकती है, जब प्रधानमंत्री चीन जैसे पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ जितना अधिक मिलते हैं, वे उतना ही अधिक हमारे खिलाफ चले जाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री चीन को मनाने की कोशिश कर रहे थे, चीनी सुरक्षा बल हमारी सीमा में घुसपैठ कर रहे थे।’ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके आजाद ने कहा कि 2008 में आतंकवाद घाटी में बिल्कुल थम सा गया था, लेकिन पिछले दो साल में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। घात लगाकर भारतीय सुरक्षा बलों पर किए जा रहे हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘पिछले 60 साल के मुकाबले पिछले दो साल में ज्यादा संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाएं हुई हैं और हम देख रहे हैं कि पठानकोट और पम्पोर में आतंकवादी हमले हुए हैं।’ उन्होंने दावा किया, ‘हम 1990 के दशक में देखी गई हिंसा के दौर में वापस पहुंच गए हैं।’ अमेरिका में अपने भव्य स्वागत के बाद चीन के भारत के साथ गर्मजोशी से पेश आने के प्रधानमंत्री मोदी के दावे को खारिज करते हुए आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी ने एक ही समय में अमेरिका, रूस और चीन तीनों से अच्छे संबंध कायम करने में सफलता पाई थी। उन्होंने सवाल किया, ‘दो साल से प्रधानमंत्री विदेश

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यहां सिफारिशों को मंजूरी दिए जाने के बाद जेटली ने कहा, 'लाभार्थियों में 47 लाख सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी हैं। इसमें से रक्षा क्षेत्र में 14 लाख सेवारत रक्षाकर्मी और 18 लाख वेतनभोगी हैं।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला पहले की तुलना में अधिक तेजी से किया है। उन्होंने कहा, 'पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 19 महीने बाद और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 32 महीने बाद लिया गया था।' सातवें वेतन आयोग के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2016 से ही इसकी सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल कि बैठक के बाद ट्वीट करके जेटली ने एक बयान देकर सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को बधाई दी थी । उन्होंने इस बढ़ोतरी को ऐतिहासिक करार दिया ।अब करीब 15-25 दिनों में सभी विभाग अपने अपने कर्मचारियों के वेतनमान तय कर लेंगे और कहा जा रहा है कि जुलाई में मिलने वाले वेतन में पूरा एरियर और बढ़ा वेतन दे दिया जाएगा।

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