नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यहां सिफारिशों को मंजूरी दिए जाने के बाद जेटली ने कहा, 'लाभार्थियों में 47 लाख सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी हैं। इसमें से रक्षा क्षेत्र में 14 लाख सेवारत रक्षाकर्मी और 18 लाख वेतनभोगी हैं।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला पहले की तुलना में अधिक तेजी से किया है। उन्होंने कहा, 'पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 19 महीने बाद और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 32 महीने बाद लिया गया था।' सातवें वेतन आयोग के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2016 से ही इसकी सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल कि बैठक के बाद ट्वीट करके जेटली ने एक बयान देकर सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को बधाई दी थी । उन्होंने इस बढ़ोतरी को ऐतिहासिक करार दिया ।अब करीब 15-25 दिनों में सभी विभाग अपने अपने कर्मचारियों के वेतनमान तय कर लेंगे और कहा जा रहा है कि जुलाई में मिलने वाले वेतन में पूरा एरियर और बढ़ा वेतन दे दिया जाएगा।
वेतन वृद्धि के ऐलान के बाद 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 58 लाख पेंशनधारियों के हाथों में ज्यादा पैसा आएगा। कहा जा रहा है कि इस वेतन वृद्धि से रीयल एस्टेट सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में उछाल आएगा। आरबीआई ने एक आकलन में अप्रैल में कहा था कि अगर आयोग की रिपोर्ट को ऐसे ही लागू किया गया तो 1.5 फीसदी महंगाई बढ़ जाएगी। वेतनमान का फायदा 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को मिलेगा। इससे पहले सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी। (7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट का वह सुझाव जिस पर कई कर्मचारियों को होगी आपत्ति!) साथ ही आयोग ने एंट्री लेवल सैलरी 7,000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति महीने करने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। कहा जा रहा है कि नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई 'पे ग्रेड' व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कर्मचारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई है। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.50 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपये आम बजट पर जाएगा।