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नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया गया है कि 25 जून को कश्मीर के पंपोर में जो सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था उसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद के दामाद खालिद वालीद का हाथ था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक खालिद के दो सहयोगी हंजला अदनान और साजिद जट ने आतंकवादियों को दिशा-निर्देश दिए और दूसरी तरफ दक्षिण कश्मीर का लश्कर कमांडर अबू दुजाना ने स्थानीय लोगों को साजो-सामान उपलब्ध करवाया। रिपोर्ट के मुताबिक इंटेलिजेंस एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस को इस बाबत ऐसे विश्वसनीय सबूत मिले है जिससे यह साबित होता है कि शनिवार को हुए पंपोर हमले में पाकिस्तान सीधे तौर पर शामिल था और हमले में खालिद वालीत का हाथ था। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि सुरक्षाबलों की ओर से चूक हुई जिसकी वजह से दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चूकें हुई हैं। एक दल जांच के लिए वहां गया है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार कीजिए। लेकिन यह पक्का है कि प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’ गौर हो कि कश्मीर के पंपोर में शनिवार को आतंकियों के घात लगाकर किए गए एक हमले में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हो गए थे जबकि 24 जवान घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों पर यह हमला उस वक्त हुआ था जब वे अवंतिपुरा फायरिंग रेंज में अभ्यास करने के बाद लौट रहे थे।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने दावा किया कि दो इतालवी मरीन के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा इटली के साथ एक सौदे के परिणाम स्वरूप भारत मिसाइल प्रौद्योगिक नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बना है। पार्टी प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने दावा किया कि एमटीसीआर में भारत का प्रवेश, मोदी सरकार द्वारा इटली के साथ एक सौदे के बाद हुआ है। सरकार ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या के एक मामले में आरोपी इतालवी मरीन के मुददे पर यह सौदा किया। उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत एमटीसीआर का सदस्य बन रहा है, इटली अकेला ऐसा देश था जो भारत के प्रवेश पर आपत्ति जता रहा था और इतालवी मरीन की घर वापसी से इस समझौते का मार्ग प्रशस्त हुआ। भारत एक पूर्ण सदस्य के तौर पर आज एमटीसीआर में शामिल हो गया। किसी बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रणाली में पहली बार भारत के प्रवेश के लिए विदेश सचिव एस़ जयशंकर ने एमटीसीआर तक पहुंच के समझौते पर हस्ताक्षर किया। जीएसटी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस पर परोक्ष हमला के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि मोदी को बराक ओबामा से मिलने के लिए सात बार वाशिंगटन जाने के बजाय कम से कम एक बार सूखा प्रभावित मराठवाड़ा का दौरा करना चाहिए था और गरीब किसानों से मिलना चाहिए था तभी हम विश्वास करते कि वह गरीब के बारे में सोचते हैं।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सोमवार) कहा कि शांति स्थापित करने के मुख्य उद्देश्य के साथ पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के भारत के प्रयास जारी हैं, लेकिन बलों को पूरी आजादी है कि वे जिस तरीके से उचित समझते हों जवाब दें। मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कई तरह की ताकतें काम कर रहीं हैं लेकिन भारत केवल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी व्यवस्था के साथ काम करता है। मई, 2014 में पाकिस्तान के प्रति अपने दृढ़संकल्प वाले रख पर और शनिवार को श्रीनगर के पास सीआरपीएफ के आठ जवानों के शहीद होने के बारे में पूछे गये प्रश्न पर मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों से दोस्ताना संबंध चाहे हैं जिन पर कोई बहस नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, जिन्हें मेज पर काम करना है, वे मेज पर बैठकर काम करेंगे और जिन्हें सीमा पर काम करना है, वे पूरी ताकत से सीमा पर काम करेंगे। मोदी ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति उसे दी गयी जिम्मेदारी को अदा करेगा। और हमारे जवान अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। यह सत्य है कि आतंकवादियों पर दबाव बढ़ गया है और उनके मंसूबे नाकामयाब हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, वे जिस इरादे से आगे बढ़ते हैं, वो नाकाम हो रहे हैं और उन्हें बड़ी चुनौतियों का सामना करना होता है। इस हताशा की वजह से इस तरह की घटनाएं घट रहीं हैं और हमारे जवान अपनी जान जोखिम में डालकर देश को बचा रहे हैं।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शनिवार को सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के दौरान भीषण मुठभेड़ के कुछ समय बाद ही अर्धसैनिक बल और सेना के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि किसके कर्मियों ने आतंकवादियों को मार गिराया। सेना ने दोनों आतंकवादियों को जवाबी गोलीमारी में मार गिराने का दावा किया वहीं सीआरपीएफ ने ‘गलत तरीके से श्रेय लेने’ पर विरोध दर्ज कराया। कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल सीआपीएफ ने आरोप लगाया कि सेना के कुछ जवान मुठभेड़ समाप्त होने के बाद वहां पहुंचे और आतंकवादियों के शवों के साथ सेल्फी लेने लगे। कुछ समय के बाद ही सेना के उत्तरी कमान ने ट्वीट किया, ‘सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया जिन्होंने पंपोर में सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया था।’ इस बात से नाराज सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने यह मामला सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उठाया। इसके कुछ देर बाद उत्तरी कमान के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर लिखा गया, ‘पंपोर आपरेशन पर ताजा जानकारी। घायल सीआरपीएफ जवानों को अस्पताल ले जाया गया। सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में दो आतंकवादी मारे गए।’ सीआरपीएफ अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया कि कोई संयुक्त आपरेशन नहीं हुआ था। सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद से आज संवाददाताओं ने सवाल किया कि क्या मुठभेड़ में सेना की कोई भूमिका थी।

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