नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्स एप पर बैन लगाने की मांग करने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया है। इसमें देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होने की बात कही गई थी। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आज भारत में व्हाट्स एप बैन लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्स एप को बैन करने की अपील की गई थी। व्हाट्स एप की एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन पॉलिसी को आधार बात कर हरियाणा के आरटीआई कार्यकर्ता सुधीर यादव ने ये याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वो अपनी मांग केंद्र के सामने रखे। इस याचिका में कहा गया था कि कि, बीते अप्रैल से व्हाट्स एप ने एंड-टू-एंट इंक्रीप्शन की सुविधा शुरू कर दी है, जिस सिक्योरिटी को तोड़ना आसान नहीं है। अगर व्हाट्स एप से भी किसी व्यक्ति विशेष का डेटा सरकार मांगती है तो वह खुद इन मैसजों को डिकोड नहीं कर पाएंगे। भरत में व्हाट्स एप बैन करने की वकालत करते हुए याचिका में कहा गया कि इस फीचर की मदद से कोई भी आतंकी और अपराधी अपनी योजना के बारे में व्हाट्स एप पर चैट कर सकता है। साथ ही देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है और हमारी सुरक्षा एजेंसी भी इस मैसेज का पता नहीं लगा पाएंगी। यादव ने याचिका में यह भी कहा था कि 256-bit के मैसेज को डिकोड करने में 100 से ज्यादा साल लग जाएंगे। बता दें कि व्हाट्सएप्प ने अप्रैल 2016 से यह यूजर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया था।
इस सिस्टम की खास बात ये है कि एक बार एनक्रिप्शन सेट करने के बाद कोई भी एजेंसी और खुद व्हाट्सएप्प भी आपके और आपके व्हाट्सऐप फ्रेंडस की चैट को नहीं पढ़ सकता है। इसे शुरू करने के लिए व्हाट्सएप्प आपको हर नए चैट के साथ एनक्रिप्ट करने का मैसेज भेजता है। यूजर की दृष्टि से देखा जाए तो एनक्रिप्शन सिस्टम उनकी निजता की रक्षा करता है। लेकिन इस बात की भी पूरी संभावना होती है कि आतंवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों के लिए यह एक सबसे सुरक्षित और गोपनीय नेटवर्क साबित होता है। इसके जरिए किसी भी तरह की आतंकी प्लानिंग और सूचनाएं आदान-प्रदान की जा सकती हैं।