नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पांचवी किस्त का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एलान कर रही हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज 7 कदमों की घोषणा की जाएगी। जिनमें मनरेगा, स्वास्थ्य, कोविड में बिजनेस, कंपनी ऐक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से जुड़े एलान किए जाएंगे।
राज्यों ने सीमा का 86 प्रतिशत ऋण नहीं लिया है: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से राज्य और केंद्र की आय में भारी कमी आई है। केंद्र सरकार ने लगातार खुले दिल के साथ राज्यों की मदद की है। यह हमारी जिम्मेदारी है। अप्रैल में 40 हजार 38 करोड़ रुपया राज्यों को दिया गया है। रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तहत 12390 करोड़ रुपए दिए गए हैं। स्टेट डिजास्टर फंड से 11092 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4113 करोड़ रुपए कोरोना से लड़ने के लिए दिए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार के अनुरोध पर आरबीआई ने वेज और मीन्स अडवांस को 60 पर्सेंट तक बढ़ा दिया। ओवरड्राफ्ट सीमा को 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया गया। तिमाही में ओवरड्राफ्ट रखने की सीमा को 31 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया गया है। राज्यों को उधार सीमा को जीएसडीपी के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। राज्यों को 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत बिना शर्त है।
उन्होंने बताया कि राज्यों ने सीमा का 14 प्रतिशत ऋण लिया है। 86 प्रतिशत का इस्तेमाल नहीं किया है। पिछले दिनों सरकार ने कई रिफॉर्म किए हैं। साल 2020 रिफॉर्म के साल के रूप में देखा जाएगा।
मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का आवंटन बढ़ाया गया
गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में काम की कमी ना आए और आमदनी का साधन मिले इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपए का अधिक आवंटन किया जा रहा है। इससे 300 करोड़ व्यक्ति कार्यदिवस उत्पन्न होंगे।
जनस्वास्थ्य क्षेत्र के लिए घोषणा
जनस्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा। इसके लिए रिफॉर्म्स किए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर ऐसी सुविधाएं देने की आवश्यकता है जो महामारी की स्थिति में लड़ने की क्षमता हो। इसके लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में वेलनेस सेंटरों को बढ़ावा दिया जाए। सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोगों से लड़ने की व्यवस्था की जाएगी। लैब नेटवर्क मजबूत किए जाएंगे। सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे।
दिवालियापन की कार्रवाई पर एक साल की रोक
जिस तरह एमएसएमई की परिभाषा बदलकर उनके लिए विस्तार का रास्ता खोला। उन पर दिवालियापन की कार्रवाई ना हो इसके लिए न्यूनतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है। इससे एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा। विशेष दिवालियापन रेज्यूलेशन फ्रेमवर्क को आईबीसी के 240 ए में जोड़ दिया जाएगा। एक साल तक दिवालियापन की कोई कार्रवाई शुरू नहीं होगी।
पीएम ई विद्या प्रोगाम की शुरुआत
मल्टीमोड एक्सेस डिजिटल/ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई के लिए पीएम ई विद्या योजना की शुरुआत की जाएगी। दीक्षा- स्कूल एजुकेशन के लिए ई-कॉन्टेंट और क्वी आर कोड से जुड़े किताब उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका नाम होगा वन नेशन वन डिजिटल प्लैटफॉर्म होगा। हर क्लास के बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग टीवी चैनल होगा, वन क्लास वन चैनल योजना के जरिए। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। द्वियांगों के लिए भी सामग्री तैयार की जाएगी ताकि वे भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। अधिकतर बच्चों का समय टीवी और स्मार्टफोन के सामने गुजर रहा है। गतिविधियां कम हो गई हैं। घर से बाहर निकलना कम हो गया है। उनके मेंटल हेल्थ और साइकलॉजी सपॉर्ट के लिए मनोदर्पण की शुरुआत की जाएगी।
कंपनिज़ एक्ट का गैर आपराधिकरण
छोटे तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को आपराधिक सूची से हटा दिया जाएगा। पहले इसे आपराधिक रूप में देखा जाता था। जैसे सीएसआर रिपोर्टिंग में कोई कमी रह गई या बोर्ड रिपोर्ट में छोटी मोटी कमी रह गई, फाइलिंग के समय डिफॉल्ट हो गया, एजीएम में देरी हो गई... इन सबको आपराधिकरण की सूची से हटा दिया गया है। इससे न्यायालयों पर भी दबाव कम होगा। 7 कंपाउडेबल ऑफेंस को खत्म कर दिया गया है। निजी कंपनियां अब विदेशों में शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करा सकती हैं। यह भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी घोषणा है।
निजी क्षेत्रों के लिए खोले गए सभी सेक्टर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्रों को खोला जाएगा। रणनीतिक क्षेत्र में कम से कम एक सार्वजनिक उप्रकम भी बने रहेंगे, लेकिन इनकी अधिकतम संख्या 4 होगी। यदि चार से अधिक सार्वजनिक उक्रम हैं तो उनका विलय किया जाएगा। भारत और दुनिया में कुछ दशकों में बड़े बदलाव आए हैं। सार्वजनिक उपक्रमों को लेकर भी नई नीति की जरूरत है। जनहित, राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्ट्रैटिजिक सेक्टर की एक लिस्ट बनाई जाएगी। इससे बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी उनके निजीकरण का मौका दिया जाएगा, विलय किया जाएगा। पीएसई के निजीकरण का सही समय पर देखकर फैसला किया जाएगा। रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी उपक्रम बना रहेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए गए कदम
कोरोना को रोकने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया था। इसमें 4113 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए। 3750 करोड़ रुपए जरूरी वस्तुओं पर खर्च किए गए। टेस्टिंग किट्स और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए दिए गए। कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस दिया गया। टेलीकम्युनिकेशन के परामर्श की शुरुआत की गई। आरोग्य सेतु को करोड़ों लोगों ने यूज किया। यूपीआई भीम की तरह यह भी देश में बेहद सफल रहा है। हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा देने के लिए कानून में बदलाव किया गया। भारत में एक भी पीपीई कंपनी नहीं थी आज 300 से ज्यादा यूनिट है। लाखों एन95 मास्क बनाए जा रहे हैं। 11 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट का उत्पादन किया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
कोरोना वायरस संकट के दौरान कंपनीज एक्ट 2013 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए बोझ घटाया गया। बोर्ड मीटिंग, ईजीएएम, एजीएम आदि वर्जुअल करने की इजाजात दी गई। राइट्स इश्यू की ऑनलाइन किया जा सकता है। पीएम केयर्स के फंड को सीएसआर के लिए मान्यता दी है। 2016 के बाद आईबीसी के जरिए दोगुनी रिकवरी हुई है। 1.84 लाख करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है।
शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब के बच्चों तक इस समय कैसे शिक्षा पहुंचाई जाए। इसके लिए एचआरडी मंत्रालय ने अच्छा काम किया। स्वंय प्रभा डीटीएच के जरिए बच्चों को पहले से शिक्षा दी जा रही थी। इसमें 12 और चैनल जोड़े जाएंगे। लाइव सेशन के टेलिकास्ट के लिए भी इसका प्रवाधन स्काईप के जरिए किया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में भी बच्चों ने इसका फायदा उठाया। टाटा स्काई और एयरटेल टीवी से भी समझौता किया गया था। राज्यों से हर दिन 4 घंटे की सामग्री मांगी गई है।
गरीबों को अनाज और नकद कैश की मदद
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले चार दिनों में आत्मनिर्भर भारत के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर आज का फोकस किया गया है। शुरुआत हमने गरीब कल्याण योजना के साथ की थी। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए। डीबीटी टेक्नॉलजी से पीएम किसान में योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को मदद दी गई है। 2 करोड़ 81 लाख वुद्ध और दिव्यांगों को पेंशन दिया गया। जनधन खाता धारक 20 करोड़ महिलाओं के खाते में 10025 करोड़ रुपए डाले गए।
निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को 3950 करोड़ रुपए की मदद दी गई। 2.20 करोड़ लोगों को इसका फायदा हुआ। सभी के खाते में पैसे गए। यह डीबीटी की वजह से संभव है। 6.81 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर लाभार्थियों को मुफ्त में दिए गए हैं। 12 लाख से अधिक ईपीएफओ खाताधारकों ने पैसे निकाले हैं। मजदूरों को घर ले जाने के लिए ट्रेनें चलाई गई हैं। मजदूरों को ट्रेनों से ले जाने का 85 खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया है। 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारों ने किया है। ट्रेनों में उन्हें खाना भी उपलब्ध कराया गया। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था की है। कोविड-19 के बाद के दौर के लिए उन्हें हर तरह की मदद देनी है।
कोरोना के बाद व्यापार को लेकर तनावग्रस्त स्थिति होगी। इसलिए हमने कई ऐलान किए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले चार दिनों से आर्थिक पैकेज की बारीकियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समझा रही हैं और बड़े सुधारों की घोषणाएं कर रही हैं।
इससे पहले वित्त मंत्री ने शनिवार को चौथी किस्त की घोषणा की। इसमें कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बिजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर रहा।
आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...
रक्षा क्षेत्र:
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जायेगी।
ऐसे हथियारों और प्लेटफॉर्म की सूची जारी की जायेगी, जिनका आयात प्रतिबंधित होगा। इन्हें भारत में ही खरीदा जा सकेगा।
आयातित कल-पुर्जों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये रक्षा आयात का बिल कम करने पर ध्यान दिया जायेगा।
बड़े घरेलू खरीद के लिये अलग बजट प्रावधान किये जायेंगे। आयुध निर्माण बोर्ड का निगमीकरण किया जायेगा।
नागर विमानन क्षेत्र
यात्री उड़ानों के लिये भारतीय वायु क्षेत्रों पर लगी पाबंदियों में ढील दी जायेगी, इससे ईंधन और समय की बचत होगी।
पाबंदियों में ढील से विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा।
छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिये नीलामी की जायेगी
12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा।
भारत विमानों के रख-रखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार का केंद्र बनेगा, इसके लिये करों को युक्तिसंगत बनाया जा चुका है।
कोयला एवं खनिज
कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन का अधिकार मिलेगा। सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा।
क्षेत्र में उतरने के प्रावधान सरल किये जायेंगे, तत्काल नीलामी के लिये करीब 50 ब्लाक पेश किये जायेंगे।
कोयला के गैसीकरण और द्रवीकरण को राजस्व साझा करने की दर में छूट के जरिये प्रोत्साहित किया जायेगा।
कोयला क्षेत्र में बुनियादी संरचना विकास के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की जायेगी।
कोल इंडिया के खदानों के लिये कोयला बेड मीथेन निकालने के अधिकारों की नीलामी होगी।
खनिज क्षेत्र में खोज-खनन-उत्पादन एक समग्र अनुमति की व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी।
बॉक्साइट और कोयला के खदानों की संयुक्त नीलाती होगी।
खनन के पट्टे देते समय भुगतान किये जाने वाले स्टाम्प शुल्क को तर्गसंगत बनाया जायेगा।
बिजली वितरण
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जायेगा।
बिजली की दर की नीति में सुधार किया जायेगा।
सामाजिक बुनियादी संरचना...
अस्पतालों समेत सामाजिक बुनियादी संरचना के विकास में वीजीएफ में सरकार की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, इससे 8,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अंतरिक्ष
उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे।
निजी कंपनियों को अपनी क्षमता बेहतर बनाने के लिये इसरो की सुविधाओं, अन्य प्रासंगिक संपत्तियों के इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी।
परमाणु ऊर्जा
कैंसर एवं अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के लिये पीपीपी आधार पर अनुसंधान नाभिकीय संयंत्र बनाये जायेंगे।
कृषि सुधारों को बढ़ाने तथा किसानों की मदद करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण में विकिरण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाले संयंत्र पीपीपी आधार पर बनाये जायेंगे।