नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जंग के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट व ब्याज दर में कटौती की है। इतना ही नहीं, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (शुक्रवार) मीडिया ब्रीफिंग के दौरान अनुमान जताते हुए कहा कि 2020-21 में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) नेगेटिव में जा सकती है। उन्होंने कहा, '2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है। मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है। कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'रेपो रेट को कम किया जा रहा है। आरबीआई ने 40 आधार अंक की कटौती की है। अब रेपो रेट चार फीसदी हुआ। मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अत्यधिक अनिश्चित है। आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 प्रतिशत कर दिया है। यह उम्मीद की जाती है कि राजकोषीय और प्रशासनिक उपायों से 2020-21 की दूसरी छमाही में गति मिलेगी।' रेपो रेट में कटौती से उम्मीद की जा रही है कि अब लोन सस्ते हो सकते हैं।
गवर्नर ने कहा, 'छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया। भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है।
कोविड-19 के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है। निवेश की मांग रुकी है। कोरोना के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है।' बताते चलें कि इसी महीने कोरोना संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए लगातार पांच दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
वित्त मंत्री ने कहा था कि कोरोनावायरस महामारी के बीच पीएम मोदी की ओर से घोषित किए गए कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज, अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, 'इस पैकेज का गुणात्मक प्रभाव होगा। सरकार द्वारा बिजनेस सेक्टर के लिए प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण था। पीएम गरीब कल्याण योजना में हमने कुछ कैश ट्रांसफर किया है, हम फिलहाल इस विकल्प को बंद नहीं कर रहे हैं। यह योजना लॉकडाउन के बाद शुरू की गई है। आर्थिक सुधार को फिर से शुरू करने के लिए व्यवसायों को बढ़ावा देना अहम है।'