ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई। यह इसका तीन साल का निचला स्तर है। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीडीपी में गिरावट चिंता की बात है। उम्मीद है कि अगली तिमाही में दर बेहतर होगी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी। विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के बीच लगातार तीसरी तिमाही में नोटबंदी का असर दिखाई दिया। अगर हम जीडीपी की वृद्धि दर की तुलना एक साल पहले की समान तिमाही से करें तो इसमें काफी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी।

मुंबई: नोटबंदी के बाद एक हजार रुपये के करीब 99 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। रिजर्व बैंक ने बुधवार को बताया कि एक हजार के सिर्फ 1.4 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस नहीं आए हैं। सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला किया था और उन्हें बैंकों को वापस जमा करने का निर्देश जारी किया था। केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी से पहले एक हजार रुपये के 632.6 करोड़ नोट चलन में थे, जिसमें से मात्र 8.9 करोड़ नोट प्रणाली में वापस नहीं आए। इस प्रकार 8900 करोड़ रुपये केंद्रीय बैंक के पास वापस नहीं पहुंचे। सरकार ने 500 रुपये के पुराने नोटों के स्थान पर नए नोट शुरू किए हैं, लेकिन 1000 रुपये का कोई नया नोट जारी नहीं किया गया है। सरकार ने 2000 रुपये का एक नया नोट शुरू किया है। रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने बताया कि 31 मार्च 2017 तक 500 रुपये के पुराने और नए नोट मिलाकर कुल 588.2 करोड़ नोट बाहर थे। 31 मार्च 2016 के अंत में चलन में 500 रुपये के नोटों की संख्या 1570.7 करोड़ थी। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में नोटों को प्रिंट करने की लागत दोगुना बढ़कर 7,965 करोड़ रुपये हो गई जो उससे पिछले वर्ष में 3,421 करोड़ रुपये थी।

नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू होने के बाद पहले महीने में टैक्स भुगतान के रूप में सरकार के खजाने में 92,283 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। यह रकम लक्ष्य से कहीं अधिक है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी के तहत कुल रजिस्टर्ड 59.57 लाख टैक्सपेयर्स में से अभी तक 64.4 प्रतिशत से टैक्स प्राप्त हुआ है। सभी टैक्स को जोड़ने के बाद यह आंकड़ा ऊपर जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक 14,894 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। 22,722 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी तथा 47,469 करोड़ रुपये एकीकृत जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। जेटली ने कहा कि एकीकृत या आईजीएसटी के तहत 20,964 करोड़ रुपये आयात पर जुटाए गए हैं। कार तथा तंबाकू जैसी वस्तुओं पर सेस के रूप में 7,198 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। वार्षिक बजट में केंद्र सरकार का जुलाई का टैक्स रेवेन्यू 48,000 करोड़ रुपये और राज्यों का 43,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। दोनों का कुल लक्ष्य 91,000 करोड़ रुपये था. जेटली ने कहा कि हमने इस लक्ष्य को पार कर लिया है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज 25 अगस्त 2017 शुक्रवार को 200 रुपए और 50 रुपए का नया नोट जारी कर दिया है। आज सुबह से ही एटीएम में 200 और 50 रुपए के नोट निकलने के लिए लोगों की लंबी कतार देखीं गईं। इन नोटों के लोगों को 2000 रुपए के नोट को खुल्ले कराने वाली परेशानी से थोड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि बुधवार को ही वित्‍त मंत्रालय ने 200 रुपए के नए नोट को अधिसूचित किया था। इस 200 रुपए के नोट को भी 500 और 2000 के नोटों की तरह नए डिजाइन और आकार में बनाया गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख