नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू होने के बाद पहले महीने में टैक्स भुगतान के रूप में सरकार के खजाने में 92,283 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। यह रकम लक्ष्य से कहीं अधिक है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी के तहत कुल रजिस्टर्ड 59.57 लाख टैक्सपेयर्स में से अभी तक 64.4 प्रतिशत से टैक्स प्राप्त हुआ है। सभी टैक्स को जोड़ने के बाद यह आंकड़ा ऊपर जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक 14,894 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। 22,722 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी तथा 47,469 करोड़ रुपये एकीकृत जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। जेटली ने कहा कि एकीकृत या आईजीएसटी के तहत 20,964 करोड़ रुपये आयात पर जुटाए गए हैं। कार तथा तंबाकू जैसी वस्तुओं पर सेस के रूप में 7,198 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। वार्षिक बजट में केंद्र सरकार का जुलाई का टैक्स रेवेन्यू 48,000 करोड़ रुपये और राज्यों का 43,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। दोनों का कुल लक्ष्य 91,000 करोड़ रुपये था. जेटली ने कहा कि हमने इस लक्ष्य को पार कर लिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यदि मुआवजा कर को अलग भी रखा जाए, तो सभी करदाताओं द्वारा रिटर्न दाखिल करने के बाद हम इस लक्ष्य को पार कर लेंगे। कुल रजिस्टर्ड 59.57 लाख करदाताओं में से 38.3 लाख ने जीएसटी रिटर्न दाखिल किया है। अभी तक 72.33 लाख करदाता इस नई प्रणाली में ट्रांसफर हुए हैं। इनमें से 58.53 लाख ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। केंद्रीय जीएसटी और इसी तरह राज्य जीएसटी दाखिल करने में देरी पर रोजाना 100 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। पहला मासिक रिटर्न और जीएसटी के तहत करों के भुगतान की समयसीमा 25 अगस्त को समाप्त हो गई है। हालांकि, ऐसे सभी कारोबारी जिन्होंने बदलाव की अवधि के दौरान क्रेडिट लिया है, उन्हें सेल्फ कैलकुलेशन के आधार पर 25 अगस्त तक टैक्स का भुगतान करने पर 28 अगस्त तक रिटर्न दाखिल करने की छूट मिली थी।