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नई दिल्ली: दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के सीईओ पद से विशाल सिक्का के इस्तीफ के बाद कंपनी के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। नारायणमूर्ति ने कहा, 'बोर्ड द्वारा लगाए आरोप और उसकी भाषा से दुखी हूं, इनका जवाब देना मेरी प्रतिष्ठा के विरुद्ध है, सभी आरोप निराधार हैं। मूर्ति ने इनफोसिस बोर्ड के आरोपों पर कहा, आरोपों का सही तरीके से, सही मंच पर और सही समय पर जवाब दूंगा। इनफोसिस के हालात पर नारायणमूर्ति ने कहा, 'कुछ शेयरधारकों का कहना है कि ऐसी किसी रिपोर्ट पर यकीन नहीं होता जिसे कुछ आरोपी व्यक्तियों के समूह द्वारा नियुक्त कुछ वकीलों के समूह ने तैयार किया हो और उसमें आरोपियों को क्लीनचिट दी गई है।' गौरतलब है सिक्का ने निदेशक मंडल और नारायणमूर्ति की अगुवाई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढ़ने के बीच इस्तीफा दिया है। मूर्ति तथा अन्य ने सिक्का को दिये गये उच्च वेतन को लेकर सवाल उठाये। साथ ही कुछ पूर्व कार्यकारियों को अलग होने से संबद्ध पैकेज को लेकर भी सवाल खड़े किये गये। सिक्का ने कहा कि उन्होंने गलत, आधारहीन, दुभार्वनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों का सामना किया। ऐसे माहौल में मेरी लिए काम करना मुश्किल हो गया था। व्यक्तिगत हमलों का लगातार बचाव करने के साथ साथ मैं सीईओ के रूप में अपना काम नहीं कर सकता।
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न्यूयार्क: आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरादकर समेत भारतीय मूल के पांच लोग फार्चून की 40 युवा और प्रभावी लोगों की सूची में शामिल किये गये हैं। सूची में उन लोगों को जगह दी गयी है जिन्होंने अपने काम से अन्य को प्रोत्साहित किया। फार्चून की 2017 ‘40 अंडर 40’ सूची सर्वाधिक प्रभावी युवा लोगों की सालाना सूची है। ये वे लोग हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है और अपना काम कर रहे हैं। पत्रिका ने ऐसे लोगों को नवप्रर्वतक, विद्रोही और कलाकार तथा अन्य को प्रोत्साहित करने वाला बताया। सूची में फ्रांस के 39 साल के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन पहले पायदान पर हैं। यह नेपोलियन के बाद सबसे युवा नेता हैं जिन्होंने मई में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। सूची में भारतीय मूल के लोगों में 26 साल की दिव्या नाग, 31 साल के ऋषि शाह, शारदा अग्रवाल (32) तथा सैमसोर्स की सीईओ तथा संस्थापक लीला जाना शामिल हैं। दिव्या नाग एपल की महत्वकांक्षी रिसर्चकिट और केयर किट कार्यक्रम को देखती हैं और संबंधित लोगों को स्वास्थ्य संबंधित एप के विकास के लिये प्रोत्साहित करती हैं। ऋषि शाह तथा तथा शारदा अग्रवाल 10 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी आउटकम हेल्थ का जिम्मा संभाल रही हैं।
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नई दिल्ली: विशाल सिक्का ने इनफोसिस के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद से इस्तीफा दिया। अब उनकी जगह यूबी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। विशाल सिक्का का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार करते हुए कंपनी ने उन्हें प्रमोशन देकर एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमेन बना दिया है। दरअसल, कंपनी में कामकाज की संस्कृति में बदलाव, वेतन वृद्धि, नौकरी छोड़नेवाले कर्मचारियों की बढ़ती तादाद, कंपनी छोड़नेवालों को दिए जानेवाले मुआवजे (सेवरेंस पे) आदि को लेकर प्रमोटर लगातार आवाज उठाते रहे। खासकर, कंपनी के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति इन मुद्दों पर काफी मुखर रहे। कंपनी के पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को मिले सेवरेंस पे पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई। इंफोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद कंपनी का शेयर आज शुरूआती कारोबार में छह प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इंफोसिस के निदेशक मंडल ने आज हुई बैठक में विशाल सिक्का का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड समेत 11 पर्वतीय राज्यों के उद्योगों को जीएसटी से राहत देने के लिए 27413 करोड़ मंजूर दी है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि एक जुलाई से लागू जीएसटी के तहत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में उद्योगों को मार्च 2027 तक कर छूट मिलती रहेंगी। हालांकि उन्हें यह छूट नई व्यवस्था में अब रिफंड के रूप में मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के मसौदे के अंतर्गत प्रत्येक उद्योग निश्चित समयावधि (31 मार्च 2027) में अपने खुद की रिफंड व्यवस्था के हकदार होंगे। पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों में पूर्व उत्पाद शुल्क व्यवस्था के तहत उद्योग को 10 साल की छूट मिलेगी। जेटली ने कहा कि योजना के तहत इस अवधि के दौरान कामकाज शुरू करने वाले उद्योग को 10 साल के लिये उत्पाद शुल्क अवकाश मिलेगा। साथ ही प्रत्येक उद्योग के लिये अलग से बची हुई अवधि होगी। इसके तहत उत्पादन शुरू करने के बाद उन्हें 10 साल की छूट मिलेगी।
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