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नई दिल्ली: अमूल के बाद मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर में फुल क्रीम दूध और गाय के दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया है। मदर डेयरी ने दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। मदर डेयरी प्रवक्ता के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि हम केवल फुल क्रीम और गाय के दूध के वेरिएंट की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर का संशोधन कर रहे हैं। मूल्यवृद्धि 16 अक्तूबर 2022 से प्रभावी होगी।

इससे पहले शनिवार को भारत की नामी डेयरी कंपनी अमूल ने फुल क्रीम और भैंस के दूध की कीमत में दो रुपये का इजाफा किया। जानकारी के अनुसार, अमूल का अब फुल क्रीम दूध 62 की जगह 64 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से मिलेगा।

अमूल के फुल क्रीम मिल्क की बढ़ी कीमत को लेकर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा है कि अमूल ने गुजरात को छोड़कर सभी राज्यों में फुल क्रीम दूध और भैंस के दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।

नई दिल्‍ली: महंगे खाद्य पदाथों के कारण देश में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है। सितंबर में महंगाई दर .41 फीसदी बढ़कर 7.41 फीसदी हो गई है, जो इस साल अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा है। सरकारी आंकड़ोंं में बताया गया है कि अगस्त में यह सात प्रतिशत पर थी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर जुलाई में 6.71 प्रतिशत और पिछले साल अगस्त में 5.3 प्रतिशत थी। महंगाई बढ़ने का प्रमुख कारण अनाज और सब्जियों के दाम में तेजी माना जा रहा है। लगातार नौवें महीने खुदरा मुद्रास्‍फीति, आरबीआई के 6 फीसदी के सहनशीलता स्‍तर से ऊपर बनी हुई है।

गौरतलब है कि एक वर्ष पूर्व सितंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.35 रही थी। खाद्य पदार्थों की महंगाई के कारण खुदरा महंगाई दर में उछाल देखने को मिला है। सितंबर माह में खाद्य महंगाई दर 8.60 फीसदी पर जा पहुंची है जो कि इससे एक माह पहले अगस्‍त में 7.62 पर थी। सितंबर माह में शहरी और ग्रामीण, दोनों ही इलाकों में खाद्य महंगाई दर में उछाल आया है।

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों और रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस एलपीजी की लागत से कम मूल्य पर बिक्री करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है।

ठाकुर ने कहा कि दुनियाभर में एलपीजी के दाम 300% से ज्यादा बढ़े हैं, लेकिन भारत में आम लोगों पर बोझ न पड़े, इसके लिए कैबिनेट में तेल कंपनियों को 22000 करोड़ की वन टाइम ग्रांट देने का फैसला किया है। उन्‍होंने बताया कि कैबिनेट ने बहु-राज्य सहकारी समिति कानून में संशोधन को मंजूरी दी, इससे यह कानून अधिक पारदर्शी बनेगा। केबिनेट की बैठक में 3 पेट्रोलियम कंपनियों-इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी गई है।

वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान में दूसरी बार कटौती की है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने कहा, "संक्षेप में सबसे बुरा दौर अभी आना बाकी है। यह समय कई लोगों के लिए 2023 मंदी की तरह साबित होगा।' जुलाई में आईएमएफ ने भारत के विकास दर को 8.2 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया गया था। इस तरह आईएमएफ ने इसमें 0.8 फीसदी की कटौती की थी।

आईएमएफ का कहना है कि वैश्विक कारणों के असर और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के कारण भारत की आर्थिक विकास दर कम रह सकती है। हालांकि, यह आरबीआई के अनुमान से थोड़ा अधिक है। केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.1 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।

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