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नई दिल्लीः देश की जीडीपी विकास दर 2022-23 के लिए आज आंकड़े जारी किए गए। भारत की जीडीपी विकास दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही है। ताजा जारी आंकड़ों में जीडीपी विकास दर इस दौरान 7.2 प्रतिशत रहने की बात कही गई है। जबकि 2021-22 में यह अनुमान 9.1 प्रतिशत था। केंद्रीय सांख्यकीय मंत्रालय आज इस बारे में आंकड़े जारी किए।

मंत्रालय ने बताया कि 2०22-23 की चौथी तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद ₹43.62 लाख करोड़ अनुमानित है, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में ₹41.12 लाख करोड़ था, जो 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। गौर करने की बात यह है कि लगातार दो तिमाहियों में गिरावट के बाद इस बार त्रैमासिक (जनवरी से मार्च तिमाही में) जीडीपी विकास दर में वृद्धि हुई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी। जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में चार प्रतिशत रही थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी।

सकल घरेलू उत्पाद देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2023 की पहली तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही थी।

वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी के ₹160.06 लाख करोड़ के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान ₹149.26 लाख करोड़ थे।

इससे पहले सरकार की ओर से आज ही जारी आंकड़े के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत रहा है। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था। लेखा महानियंत्रक (सीएजी) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।

सीजीए ने कहा कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहा है। वहीं प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 प्रतिशत रहा है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सीआईआई के कार्यक्रम में इसी मुद्दे पर बात रखी थी। आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की विकास दर 7 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। साथ ही यह भी संभावना जताई गई है कि यह दर और ज्यादा हो सकती है।

दास ने कहा था कि इस बात में कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि जीडीपी की 7 प्रतिशत से कुछ ऊपर हो। लेकिन अभी के लिए इसे 7 प्रतिशत ही समझा जाए। शक्तिकांत दास के मुताबिक साल 2023-24 के दौरान आर्थिक विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है।

 

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