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नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक ने बुधवार को 10 लाख से अधिक फास्टैग्स जारी करने के लक्ष्य को पार करने की घोषणा की। इस उपलब्धि को हासिल करने वाला आईसीआईसीआई देश का पहला बैंक बन गया है। बैंक ने एक बयान में कहा कि यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश भर में अभी कुल 25 लाख टैग्स सकुर्लेशन में हैं। फास्टैग, रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) टैग है, जिसे वाहन के विंडस्क्रीन पर चस्पा किया जाता है।

यह आसानीपूर्वक उपयोग में आने वाला रिलोडेबल टैग है, जिसके जरिए टोल चार्ज अपने आप कट जाता है और आपको टोल प्लाजा पर नकद शुल्क देने के लिए रूकने की जरूरत नहीं होती। आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा, आईसीआईसीआई बैंक देश का पहला ऐसा बैंक है जिसने 10 लाख 'फास्टैग्स' जारी करने की उपलब्धि हासिल की है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली समूह को सीधे सपाट शब्दों में चेतावनी दी कि '...(आप) ज्यादा होशियार नहीं बनें अन्यथा हम आप को बेघर कर देंगे।' आम्रपाली समूह पर आरोप है कि उसने अपनी आवासीय परियोजनाओं में विलंब किया है जो मकान खरीदारों के हितों के लिए नुकसानदेह है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि न्यायालय लंबित आसासीय परियोजनाओं के निर्माण की लागत वसूल करने के लिये फर्म की 'एक-एक संपत्ति बेच देगा।'

पीठ ने कहा, 'असली समस्या यह है कि आपने मकानों का कब्जा देने में विलंब किया है। ज्यादा होशियार बनने की कोशिश नहीं करें अन्य हम आपकी एक-एक संपत्ति बेच देंगे और आपको बेघर कर देंगे।' पीठ ने समूह को निर्देश दिया कि 15 दिन के भीतर अपने प्रबंध निदेशक और निदेशकों की चल और अचल संपत्तियों की मूल्यांकन रिपोर्ट पेश करे। न्यायालय ने उन कंपनियों का विवरण भी मांगा है जो आम्रपाली परियोजनाओं के रखरखाव का काम देख रही हैं और उन्होंने जो रकम एकत्र की है और अभी तक वितरित की है।

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने इस साल टैक्स स्क्रूटनी में कमी करेगा। पिछले साल के एक फीसदी के मुकाबले केवल 0.35 फीसदी मामलों में स्कूटनी होगी। इसके लिए आयकर विभाग ने मुकम्मल व्यवस्था कर ली है। मसलन आयकर विभाग हर डिजिटल जमा व खर्च पर नजर रख रही है। इससे छापेमारी कम करनी पड़ेगी और ज्यादा टैक्स चोरी पकडऩा संभव हो सकेगा। विभाग ने टैक्स स्क्रूटनी का जाल तकनीकी रूप से इतना फैला लिया है कि रिटर्न दाखिल करने के पहले ही व्यक्ति की जमा-खर्च का लेखा-जोखा सिस्टम में पहुंच जाता है।

सूत्रों की मानें तो विभाग अब इस नीति पर चल रहा है कि करदाता अगर पूरी ईमानदारी से काम करते हैं तो आयकर विभाग उनके रिटर्न की स्कूटनी नहीं करेगा। इसका फायदा ये होगा कि रिटर्न फाइल करने के बाद विभाग की तरफ से नोटिस आने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। साथ ही छापा पडऩे का खतरा भी कम होगा। पिछले कुछ सालों में विभाग ने खुद को तकनीकी तौर पर मजबूत किया है और ऐसी व्यवस्था लागू की गई हैं। जिसके कारण विभाग को करदाताओं के तमाम वित्तीय लेन-देन और जमा खर्च की जानकारियां दूसरे स्रोतों से मिल जाती है।

नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के टोल प्लाजा पर फास्ट टैग लेन की व्यवस्था अभी पूरी तरह से सुचारु नहीं हो पायी है, हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि इससे जुड़ी सॉफ्टवेयर की तकनीकी बाधाओं और बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में आ रही दिक्कतों को छह महीने के भीतर दूर कर लिया जायेगा। गडकरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 479 टोल प्लाजा में 409 पर फास्ट टैग लेन कार्यरत है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में तमाम स्थानों पर फास्ट टैग प्रणाली के विफल रहने बाद इसे दुरूस्त करने के तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छह महीने के अंदर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर शत प्रतिशत टोल प्लाजा पर फास्ट टैग काम करने लगेंगे। उन्होंने बताया कि इस साल दिसंबर के बाद बिकने वाली सभी कारें ‘कंपनी फिटेड फास्ट टैग’ युक्त होंगी। अगस्त 2017 तक 6.32 लाख फास्ट टैग बेचे जा चुके थे और अब यह संख्या 26.46 लाख हो गयी है। इसे सभी निजी कारों से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है और छह महीने के अंदर टोल प्लाजा पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित हो जायेगा।

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