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मॉस्को: रूस के सरकारी मीडिया ने आज बताया कि गोवा में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वार्ता के बाद दोनों देश शनिवार को एस-400 ‘ट्रंफ’ लंबी दूरी की क्षमता वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए कई अरब डॉलर के करार पर हस्ताक्षर करेंगे। रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से तास समाचार एजेंसी ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बाद भारत को एस-400 ट्रंफ विमान रोधी मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक समझौता किया जाएगा और कुछ अन्य दस्तावेजों पर भी दस्तखत किये जाएंगे।’ भारत तीन प्रकार की मिसाइलों पर निशाना साधने में सक्षम सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली में से पांच प्रणालियां हासिल करने में रचि रखता है। इसमें अपनी तरफ आ रहे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोनों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में मार गिराने की क्षमता है। अगर भारत समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो यह चीन के बाद इस मिसाइल प्रणाली का दूसरा ग्राहक होगा। चीन ने पिछले साल तीन अरब डॉलर का करार किया था। एस-400 पहले केवल रूसी रक्षा बलों के लिए ही उपलब्ध था। यह एस-300 का उन्नत संस्करण है।
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बैंकॉक: दुनिया में सबसे लंबे समय तक राजशाही की कुर्सी पर विराजमान रहने वाले थाईलैंड के नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया और इसके साथ ही यहां राजशाही के सात दशक के सुनहरे दौर का अंत हो गया। अदुल्यदेज विभाजित थाईलैंड को एक सूत्र में बांधने के लिए विख्यात रहे। वह 88 साल के थे।राजमहल ने एक बयान में कहा कि दिन में 3.52 बजे :स्थानीय समयानुसार: सिरिराज अस्पताल में नरेश का निधन हुआ। युवराज वज्रलोंगकर्ण, राजकुमारी महाचक्री श्रींदोर्ण, राजकुमारी सोमसावली और राजकुमारी चुलाबोर्ण अस्पताल में मौजूद थे।प्रधानमंत्री प्रत्युत चान-ओचा ने कहा कि 64 साल के युवराज देश के अगले नरेश होंगे। बीते रविवार को राजमहल ने कहा था कि हेमाडाइलेसिस के उपचार के बाद नरेश की हालत अस्थिर बनी हुई है।नरेश भूमिबोल के अस्वस्थ होने की खबर सुनने के बाद दो दिनों से उनके सैकड़ों शुभचिंतक अस्पताल के बाहर जमा थे और वे उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे थे। राजशाही थाई समाज का मुख्य हिस्सा है और कई बार नरेश को वस्तुत: भगवान माना जाता है।प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा ने कहा कि 63 साल के युवराज देश के अगले नरेश होंगे। प्रयुत ने कहा, ‘‘वह दिन आ गया जिसके बारे में थाई लोग कभी सोचने की हिम्मत भी नहीं कर पाये थे।
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वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत के साथ किसी किस्म के संधि गठबंधन को खारिज करते हुए कहा कि इक्कीसवीं सदी गठबंधन का युग नहीं है और प्रमुख रक्षा साझेदार का परस्पर सहमत विचार भारत के लिए बहुत सटीक विवरण होगा। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशिया के वरिष्ठ निदेशक पीटर लवोय ने कहा, ‘इक्कीसवीं सदी गठबंधन का युग नहीं है। यह हित, साझे मूल्य पहचानने और तमाम उन समस्याओं को हल करने का युग है। मैं नहीं समझता कि अमेरिका सरकार या भारत सरकार में किसी को भी संधि गठबंधन बनाने की कोई बाध्यता है।’ लवोय ने यह बात तब कही जब शीर्ष अमेरिकी गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐंड इंटरनेशनल स्टडीज’ में उनसे इस बाबत सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘क्यों (संधि गठबंधन रखने का) बंधन रखा जाए। मैं समझता हूं, उससे फायदा हासिल करने वाले मित्र शायद संतुष्ट हैं। मैं एक मुहावरा उजागर करूंगा (भारत के साथ) प्रमुख रक्षा साझेदार।’ लवोय ने कहा, ‘यह समझ है, बढ़ती हुई अनुभूति है कि हम साथ मिलकर इतनी चीजें कर रहे हैं कि हमने सहयोग की सीमाएं बढ़ाई हैं गहरी की हैं। लेकिन जो रिश्ते हैं उसके लिए कोई ब्रांड या मुहावरा या कोई शब्दावली नहीं है।
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वाशिंगटन: राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो उनका प्रशासन ‘बेतहाशा हस्तक्षेप को रोकेगा’ और इसके बजाय ‘आईएसआईएस को हराने और पूरी तरह खत्म करने’ पर ध्यान केंद्रित करेगा। ट्रंप ने कल फ्लोरिडा में एक चुनावी रैली में कहा, ‘ट्रंप का प्रशासन बेतहाशा हस्तक्षेपों को रोकेगा और इसके बजाय वह आईएसआईएस को हराने और पूरी तरह तबाह करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी साइबर सुरक्षा को भी मजबूत करेंगे।’ ट्रंप ने कहा कि उनके नेतृत्व में अमेरिका अपने दुश्मनों को नष्ट करने के लिए जरूरत पड़ने पर साइबर हमले का इस्तेमाल करेगा और उन्हें ऑनलाइन भर्ती से रोकेगा। उन्होंने कहा, ‘आईएसआईएस हमारे बच्चों को देश से बाहर ले जा रहा है क्योंकि वे इंटरनेट का इस्तेमाल हमसे बेहतर तरीके से कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसी के साथ, हम अपनी कमजोर हो चुकी सेना का पुनर्निर्माण करने वाले हैं। हम अपने लोगों का ध्यान रखने वाले हैं।’
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