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वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत के साथ किसी किस्म के संधि गठबंधन को खारिज करते हुए कहा कि इक्कीसवीं सदी गठबंधन का युग नहीं है और प्रमुख रक्षा साझेदार का परस्पर सहमत विचार भारत के लिए बहुत सटीक विवरण होगा। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशिया के वरिष्ठ निदेशक पीटर लवोय ने कहा, ‘इक्कीसवीं सदी गठबंधन का युग नहीं है। यह हित, साझे मूल्य पहचानने और तमाम उन समस्याओं को हल करने का युग है। मैं नहीं समझता कि अमेरिका सरकार या भारत सरकार में किसी को भी संधि गठबंधन बनाने की कोई बाध्यता है।’ लवोय ने यह बात तब कही जब शीर्ष अमेरिकी गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐंड इंटरनेशनल स्टडीज’ में उनसे इस बाबत सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘क्यों (संधि गठबंधन रखने का) बंधन रखा जाए। मैं समझता हूं, उससे फायदा हासिल करने वाले मित्र शायद संतुष्ट हैं। मैं एक मुहावरा उजागर करूंगा (भारत के साथ) प्रमुख रक्षा साझेदार।’ लवोय ने कहा, ‘यह समझ है, बढ़ती हुई अनुभूति है कि हम साथ मिलकर इतनी चीजें कर रहे हैं कि हमने सहयोग की सीमाएं बढ़ाई हैं गहरी की हैं। लेकिन जो रिश्ते हैं उसके लिए कोई ब्रांड या मुहावरा या कोई शब्दावली नहीं है।

मैं समझता हूं कि प्रमुख रक्षा साझेदार की परस्पर सहमत अवधारणा बहुत सटीक विवरण है।’’ लवोय ने कहा, ‘यह अधिकाधिक सहयोग के गहराने से परिचालित है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण पहले की तुलना में ज्यादा आसानी से और तत्परता से किया जा रहा है। इसलिए, हमारी अपनी नीतियों और नियमों एवं प्रक्रियाओं में बहुत अहम बदलाव हुए हैं जिसने हमें रक्षा साझेदारी में सक्षम बनाया है।’ लवोय ने कहा कि इससे पहले कि भारत किसी चीज का आग्रह करे, अमेरिका उसके लिए राजी और तैयार रहता है। उन्होंने कहा, ‘किसी चुनौती के उभरने से बहुत पहले ही हम ऐसी चीजों को रोकने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’

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