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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

वॉशिंगटन: रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर 'अनुचित व्यवहार' का आरोप लगाने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा करते हुए अमेरिकी रियलिटी टीवी शो ‘द अप्रेंटिस’ की एक पूर्व प्रतिभागी भी अब इस सूची में शामिल हो गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि 2007 में ट्रंप ने उनके साथ अश्लील हरकतें की थीं और जबरन उन्हें गलत तरीके से छुआ था। लॉस एंजिलिस में के दौरान समर जरवोस ने आरोप लगाया कि यह घटना तब हुई जब ‘द अप्रेंटिस’ के पांचवे संस्करण से वह बाहर हो गई थीं और उन्होंने ट्रंप से उनके एक गोल्फ कोर्स में काम करने के लिए संपर्क किया था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘2007 में एक सामाजिक कार्य के सिलसिले में मैं न्यूयार्क गई थी. मैं ट्रंप के कार्यालय में यह जानने के लिए संपर्क किया कि वह वहां दोपहर के भोजन के लिए उपलब्ध हैं या नहीं. मुझे बताया गया कि वह मेरे साथ दोपहर का भोजन नहीं कर सकते हैं। लेकिन वह अपने कार्यालय में मुझसे मिलना चाहेंगे। जब मैं वहां पहुंची तब उन्होंने मेरे होठों पर चुंबन किया। मैं हैरत में थी लेकिन मैंने सोचा शायद यह अभिवादन का एक तरीका हो। हम बैठे और हमने बातें कीं। वह हद से ज्यादा तारीफों के पुल बांध रहे थे।’’ अपनी वकील ग्लोरिया एलर्ड के साथ आईं समर ने बताया कि मुलाकात के दौरान उन्होंने ट्रंप से नौकरी का अनुरोध किया जिस पर हामी भी भरी।

वॉशिंगटन: एक प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई विशेषज्ञ ने कहा है कि पाकिस्तान स्वयं को बहुत महत्वपूर्ण समझता है और जब तक शेष दुनिया भारत के साथ मिलकर काम नहीं करेगी, तब तक इस्लामाबाद नयी दिल्ली के साथ खेल खेलना जारी रखेगा। थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट में ‘इनिशियेटिव ऑन द फ्यूचर ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया’ की निदेशक अपर्णा पांडे ने कहा, ‘अकेला भारत पाकिस्तान के बर्ताव में बदलाव नहीं ला सकता। पाकिस्तान की स्वयं को दुनिया के लिए अपरिहार्य समझने की प्रवृत्ति है: वह समझता है कि वह इतना महत्वपूर्ण है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए जब तक शेष दुनिया भारत के साथ मिलकर काम नहीं करती, पाकिस्तान भारत के साथ खेल खेलना जारी रखेगा। वह इस संभावना के भरोसे यह काम करता रहेगा कि उसके इन खेलों में अन्य उसके पीछे खड़े रहेंगे।’ यहां एक पैनल चर्चा में अन्य विशेषज्ञों ने भारत से अपील की कि वह ऐसी नीतियों के साथ आगे आएं जिनसे पाकिस्तान संबंधी चिंताओं से निपटा जा सके। इसके जवाब में अपर्णा ने तर्क दिया कि भारत द्वारा नीतियां बनाए जाने के बावजूद, पाकिस्तान ने अपने पक्ष में भुनाने के लिए नयी दिल्ली को लेकर जो काल्पनिक हौव्वा खड़ा कर रखा है, वह खत्म नहीं हो जाएगा।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के साथ पिछले दरवाजे से कोई कूटनीति नहीं चल रही और दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता प्रक्रिया निलंबित है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने एक्सप्रेस न्यूज चैनल से कहा, ‘पाकिस्तान और भारत के बीच पिछले दरवाजे से या ट्रैक-2 की कोई कूटनीति नहीं चल रही और इस तरह के संपर्क दोनों पक्षों की आकांक्षाओं पर स्थापित होते हैं।’ अजीज ने दावा किया कि भारत ने आतंकवाद के लिए हमेशा बिना सबूत के पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘भारत की बिना किसी ठोस सबूत के अपने देश में किसी भी आतंकवादी घटना के बाद पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की आदत रही है।’ अजीज ने कहा कि दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता प्रक्रिया निलंबित बनी हुई है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण में कश्मीर के मुद्दे पर और वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर ध्यान दिया गया। सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, अजीज ने पाकिस्तान के कूटनीतिक अलगाव की सोच को भी खारिज करते हुए दावा किया कि उनका देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक और भू सामरिक स्तरों पर बड़े पुनर्निर्धारण चल रहे हैं और इनके साथ पाकिस्तान सही दिशा में बढ़ रहा है।

न्यूयार्क: अमेरिका में 10 में से सात अमेरिकी-मुस्लिम नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान करेंगे जबकि इस समुदाय के महज चार प्रतिशत मतदाताओं ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने की बात कही। ट्रंप ने अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का आह्वान करके विवाद को जन्म दे दिया था। ये आंकड़े हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आए हैं। 8 नवंबर को होने वाले आम चुनाव से पहले काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा को मतदाताओं के लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया था। देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार एवं पैरोकारी संगठन सीएआईआर ने कल राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए। इसमें चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट डाले जाने के संकेत मिले। सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के लिए वोट डालेंगे। वर्ष 2016 के आकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है। लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है।

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