न्यूयार्क: अमेरिका में 10 में से सात अमेरिकी-मुस्लिम नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान करेंगे जबकि इस समुदाय के महज चार प्रतिशत मतदाताओं ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने की बात कही। ट्रंप ने अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का आह्वान करके विवाद को जन्म दे दिया था। ये आंकड़े हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आए हैं। 8 नवंबर को होने वाले आम चुनाव से पहले काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा को मतदाताओं के लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया था। देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार एवं पैरोकारी संगठन सीएआईआर ने कल राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए। इसमें चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट डाले जाने के संकेत मिले। सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के लिए वोट डालेंगे। वर्ष 2016 के आकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है। लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है।
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं। मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है। ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे। मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवथा, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका। सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया। वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है। दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया। वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है। वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया। अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं। 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है। सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है।’