ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

न्यूयार्क: हार्वर्ड के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमेरिका के युवा देश के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन का जबरदस्त समर्थन कर रहे हैं लेकिन उनमें से अधिकतर का कहना है कि वे देश के भविष्य को लेकर ‘भयभीत’ हैं और आशावान महसूस नहीं करते। हार्वर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स ने सर्वेक्षण में प्रतिष्ठित जॉन केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में अमेरिका के 18 से 29 आयु वर्ग के युवाओं को शामिल किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि युवाओं के बीच समर्थन के मामले में हिलेरी डोनाल्ड ट्रंप से 28 प्रतिशत मतों से आगे है। चार उम्मीदवारों के बीच मुकाबले को ध्यान में रखकर कराए गए सर्वेक्षण में हिलेरी को संभावित युवा मतदाताओं का 49 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि ट्रंप को 21 प्रतिशत समर्थन मिला। केवल हिलेरी और ट्रंप के बीच मुकाबले को ध्यान में रखकर कराए गए सर्वेक्षण में हिलेरी को 59 और ट्रंप को 25 प्रतिशत समर्थन मिला। चुनाव सर्वेक्षण यह भी दर्शाता है कि 18 से 29 वर्ष की आयु के अधिकतर युवा अमेरिका के भविष्य को लेकर डरे हुए है और 51 प्रतिशत युवा अमेरिकियों का कहना है कि वे ‘भयभीत’ महसूस करते हैं और केवल 20 प्रतिशत युवा ‘आशावान’ हैं।

वाशिंगटन: साउथ कैरोलिना की भारतीय-अमेरिकी गवर्नर निक्की हेली ने कहा है कि इस साल का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव काफी जटिलता वाला है क्योंकि राष्ट्रपति के लिए दोनों विकल्पों में से किसी भी विकल्प से वह खुश नहीं हैं। लेकिन, फिर भी वह रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अपना वोट देना चाहती हैं। हेली (44) ने कहा, ‘इस चुनाव ने मेरे लिए जटिलता पैदा कर दी है। यह दोनों दलों के लिए शर्मनाक है। यह देश के हक में नहीं है, लेकिन ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तित्व पर मेरे लिए कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि मैं दोनों में से किसी की भी प्रशंसक नहीं हूं।’ हेली ने कहा कि हालांकि वह ट्रंप से कई मुद्दों पर असहमत हैं, फिर भी उन्हें वोट देंगी। उन्होंने कहा कि वह चुनाव में हेराफेरी की आशंका होने संबंधी ट्रंप की टिप्पणी को ‘गैरजिम्मेदाराना’ मानती हैं।

 

मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में फिर पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगे। पीओके में प्रदर्शनकारियों ने पाक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी के नारे लगाए और पाकिस्तानी फौज को वहां से हटाने की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम आजादी चाहते हैं। पाकिस्तान को यहां से अपनी फौज हटानी चाहिए। हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। गौरतलब है कि इससे पहले 30 सितंबर को यहां के लोग भारत के समर्थन में खड़े हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के लिए बढ़ते समर्थन को पाकिस्तान दबाने की कोशिश कर रहा है। 14 अगस्त को गिलगित और बलूचिस्तान में पाकिस्तान सरकार और सेना का विरोध हुआ था। हजारों युवाओं ने प्रदर्शन किए थे और पाक सेना के लिए गो बैक के नारे लगाए थे। इस दौरान 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पाकिस्तान अपने आप को तो संभाल नहीं पाता। नवाज शरीफ दुनिया के जिस कोने में जाते हैं, राहिल शरीफ का साया उनके साथ होता है। गौरतलब है कि बलूचिस्तान और पीओके में लोग पाक सेना की बर्बरता से परेशान हैं।

बीजिंग: राष्ट्रपति शी जिनपिंग का चीन के ज्यादातर लोगों ने समर्थन किया है जो उनकी नेतृत्व शैली को माओ त्से तुंग की तरह देखते हैं। यहां आधिकारिक मीडिया द्वारा प्रकाशित एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की एक अहम बैठक के बीच यह सर्वेक्षण किया गया है। शी की शक्तियों को बढ़ाने के लिए यहां यह बैठक चल रही है। ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक पीपुल्स ट्रिब्यून पत्रिका ने यह सर्वेक्षण किया है जिसने हाल ही में 63 वर्षीय शी को माओ जितना एक मजबूत नेता बताया है। पत्रिका ने शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 15, 596 लोगों से बात की। सर्वेक्षण में मुख्य चीज यह उभर कर सामने आई कि एक मजबूत केंद्रीय नेतृत्व और एक अहम शख्सियत की एक उभरती हुई विश्व शक्ति (चीन) को खास जरूरत है। सीपीसी के अध्यक्ष और महासचिव होने के नाते शी में नेतृत्व की पूरी विशेषता है जिसका अधिकारियों और लोगों ने तहेदिल से स्वागत किया है। शी पार्टी, सेना की अध्यक्षता करने के अलावा राष्ट्रपति भी हैं। वह नवंबर 2012 में चुने गए थे और 2022 में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख