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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी वोटरों से आठ नवंबर के आम चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को बड़ी जीत और डोनाल्ड ट्रंप को करारी हार दिलाने की अपील करते हुए कहा है कि देश ओवल कार्यालय में एक रिएलिटी टीवी नहीं ला सकता। ओबामा ने कैलिफोर्निया में एक स्वागत समारोह के दौरान कहा कि राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन (68) शानदार राष्ट्रपति बनने के लिहाज से ट्रंप की तुलना में बेहद पढ़ी लिखी, अच्छी तरह तैयार, सही समझ वाली, कामकाज के आदर्शों का पालन करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि और फिर एक अन्य व्यक्ति (ट्रंप) हैं। मैं इस बात के विस्तार में नहीं जाने वाला कि यह व्यक्ति इस पद के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है, क्योंकि हर बार जब वह बात करते हैं, आपको इस चीज का और भी सबूत मिल जाता है कि यह वह व्यक्ति नहीं है, जिसे हम अमेरिका का राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार प्रथम महिला मिशेल भी प्रचार कर रही हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह चुनाव देश के लिए अहम चुनाव है। ओबामा ने कहा कि मेरी तरह वह भी समझती हैं कि इस चुनाव में कुछ और भी अधिक मूलभूत मूल्य दांव पर हैं। इसका संबंध सभ्‍यता के हमारे मूल मानकों से जुड़ा है- कि हम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। ओबामा ने पूछा, क्या हम एक अलग मत के लोगों के साथ अमेरिका के अंश जैसा बर्ताव करते हैं या हम उनपर विदेशी होने का तमगा लगा देते हैं कि यह ‘वास्तविक अमेरिकी नहीं है’।

क्या हम अपने नियमों को लागू करते समय अलग-अलग मानक तय करते हैं? क्या हम महिलाओं को हर चीज कर सकने में सक्षम..समान और पूर्ण नागरिक मानते हैं या हम हम उन्हें मजाक या हमारी वासना या हमारी अपनी संतुष्टि की चीजों के रूप में देखते हैं? उन्होंने कहा कि क्या हम संविधान को एक मूलभूत चीज के रूप में देखते हैं, जिसे कायम रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है, या फिर हम सोचते हैं कि इसमें से हम वे चीजें चुन सकते हैं, जो हमारी अनुकूलता के अनुरूप सुविधाजनक हैं। उन्होंने कहा कि क्या हम सोचते हैं कि सरकार गंभीर होती है, जिसके तहत हमारी यह प्रतिबद्धता होती है कि हम देश को उस स्थिति से बेहतर बनाकर छोड़ें, जिसमें वह हमें मिला था। ओबामा ने सवाल उठाया, या फिर हम सोचते हैं कि यह एक व्यवसायिक तौर पर सूचना देने वाला या रिएलिटी टीवी चैनल है और हम सच के प्रति बिना कोई निष्ठा रखे कुछ भी कह सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं। बस कुछ भी मुद्दा उठा लो ताकि एक बिंदु पर हर चीज पर तनातनी हो जाए, क्षकस कोई भी मजबूत आधार नहीं होता क्योंकि आप कुछ भी कह सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा और मिशेल का निष्कर्ष यह है कि हम इसे ओवल कार्यालय में नहीं ला सकते। क्योंकि हमारे बच्चे हमें देखते हैं। वर्ष 2008 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में मैंने कहा था कि मैं एक त्रुटिहीन आदमी नहीं हूं और मैं एक त्रुटिहीन राष्ट्रपति भी नहीं बनूंगा लेकिन मैं इस बात पर गंभीरता से गौर करता हूं कि इस काम में हमारे बच्चे ध्यान दे रहे हैं, पूरा विश्व ध्यान दे रहा है।

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