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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

कराची: पाकिस्तान में सिंध प्रांत के करीब 93 मदरसों का आतंकी समूहों और प्रतिबंधित संगठनों के साथ मजबूत संबंध हैं और अधिकारी जल्दी ही आतंकवादियों को पनाह देने वाले इस्लामिक धार्मिक स्कूलों के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले हैं। ‘दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को इन मदरसों में चलने वाली गतिविधियों के बारे में पुख्ता जानकारी है। खबर के अनुसार, कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए सिंध के मुख्यमंत्री के आवास पर कल एक विशेष बैठक हुई जिसमें इन आंकड़ों की जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री मुराद अली शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रेंजर्स के महानिदेशक मेजर जनरल बिलाल अकबर और असैन्य नेतृत्व के अन्य सदस्यों सहित खुफिया एजेंसियों के प्रांतीय प्रमुख भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले मदरसों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश पुलिस और रेंजर्स को दिया। शाह ने कहा, ‘ऐसा रवैया स्वीकार्य नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हम किसी को भी धर्म के नाम पर या पाक जगहों पर मासूमों का खून बहाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। यह अभियान भी खुफिया सूचनाओं पर आधारित और लक्षित होगा।’

पेशावर: कभी ‘नेशनल जियोग्राफिक’ पत्रिका के कवर पर तस्वीर प्रकाशित होने के बाद सुखिर्यों में आई हरी आंखों वाली ‘अफगान लड़की’ शरबत गुला को पाकिस्तान में फर्जी पहचान पत्र रखने के आरोप में आज गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अधिकारियों ने कहा कि शरबत को कथित तौर पर पकिस्तान पहचान पत्र रखने के आरोप में नोथिया इलाके से गिरफ्तार किया गया। शरबत की उम्र अब 40 साल से ऊपर हो चुकी है। ‘अफगान युद्ध की मोनालिसा’ कही जाने वाली शरबत साल 1984 में उस वक्त सुखिर्यों में आई थीं कि जब ‘नेशनल जियोग्राफिक’ पत्रिका के फोटोग्राफर स्टीव मैककरी ने पेशावर के निकट निसार बाग शरणार्थी शिविर में उनकी तस्वीर ली थी। उस वक्त वह 12 साल की थीं। यह तस्वीर पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित हुई और वह सुखिर्यों में आ गई थीं। अफगानिस्तान में हालात खराब होने के बाद शरबत पाकिस्तान में आ गई और एक पाकिस्तानी पुरूष से विवाह कर लिया। उसे दो साल की जांच के बाद धोखाधड़ी के लिये गिरफ्तार किया गया है।

 

वॉशिंगटन: पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह अपनी उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करके क्षेत्रीय स्थिरता कायम करने में अपना योगदान दे सकता है जो उसकी सरजमीन से उसके पड़ोसियों पर हमले करना चाहते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा मानना है कि पाकिस्तान उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर क्षेत्रीय स्थिरता स्थापित करने में सीधे तौर पर अपना योगदान दे सकता है जो उसकी धरती से उसके पड़ोसियों पर हमले करना चाहते हैं।’ किर्बी ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद से लड़ने के लिए साझा, समग्र और सहयोगपूर्ण हल जरूरी हैं। क्वेटा स्थित पुलिस अकादमी पर हमले की पृष्ठभूमि में दक्षिण एशिया में आतंकवाद से जुड़े एक सवाल पर जवाब देते हुए किर्बी ने कहा, ‘यह एक क्षेत्रीय मुद्दा है। इससे निपटने के लिए हम क्षेत्रीय देशों, क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखने वाले हैं क्योंकि यह सभी के लिए एक साझा खतरा है। इसके लिए साझा, समग्र और सहयोगपूर्ण हलों की जरूरत होगी।’ किर्बी ने कहा, ‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं, जो इससे प्रभावित हुए हैं। इस बात को याद रखें कि पीड़ितों में से कई लोग पुलिस कैडेट, वे युवा थे, जो अपने नागरिकों की हिफाजत करना सीख रहे थे और प्रशिक्षण ले रहे थे।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी वोटरों से आठ नवंबर के आम चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को बड़ी जीत और डोनाल्ड ट्रंप को करारी हार दिलाने की अपील करते हुए कहा है कि देश ओवल कार्यालय में एक रिएलिटी टीवी नहीं ला सकता। ओबामा ने कैलिफोर्निया में एक स्वागत समारोह के दौरान कहा कि राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन (68) शानदार राष्ट्रपति बनने के लिहाज से ट्रंप की तुलना में बेहद पढ़ी लिखी, अच्छी तरह तैयार, सही समझ वाली, कामकाज के आदर्शों का पालन करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि और फिर एक अन्य व्यक्ति (ट्रंप) हैं। मैं इस बात के विस्तार में नहीं जाने वाला कि यह व्यक्ति इस पद के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है, क्योंकि हर बार जब वह बात करते हैं, आपको इस चीज का और भी सबूत मिल जाता है कि यह वह व्यक्ति नहीं है, जिसे हम अमेरिका का राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार प्रथम महिला मिशेल भी प्रचार कर रही हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह चुनाव देश के लिए अहम चुनाव है। ओबामा ने कहा कि मेरी तरह वह भी समझती हैं कि इस चुनाव में कुछ और भी अधिक मूलभूत मूल्य दांव पर हैं। इसका संबंध सभ्‍यता के हमारे मूल मानकों से जुड़ा है- कि हम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। ओबामा ने पूछा, क्या हम एक अलग मत के लोगों के साथ अमेरिका के अंश जैसा बर्ताव करते हैं या हम उनपर विदेशी होने का तमगा लगा देते हैं कि यह ‘वास्तविक अमेरिकी नहीं है’।

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