क्वालालम्पुर: उत्तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या को लेकर प्योंगयांग एवं क्वालालम्पुर के बीच चल रही राजनयिक तनातनी के बीच इस मामले में गिरफ्तार किए गए एकमात्र उत्तर कोरियाई को रिहा कर दिया गया। अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अपांडी अली ने कल घोषणा की थी कि री जोंग चोल के खिलाफ आरोप तय करने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं और उसे शुक्रवार को रिहा कर दिया जाएगा। इस घोषणा के एक दिन बाद 47 वर्षीय चोल को रिहा कर दिया गया। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने चोल के वाहन के साथ पुलिस की छह कारों का काफिला था और मोटरसाइकिलें भी साथ चल रही थीं। जिस पुलिस थाने में चोल को रखा गया था, वहां से इस काफिले के निकलने पर सड़कों को सील कर दिया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि चोल को प्रशासनिक राजधानी पुत्राजया में आव्रजन प्राधिकारियों को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसे कब उसके देश भेजा जाएगा क्योंकि कुछ यात्रा दस्तावेजों संबंधी मामलों से निपटा जाना बाकी है। चोल की रिहाई से दो दिन पहले एक इंडोनेशियाई और एक वियतनामी महिला पर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम की घातक नर्व एजेंट की मदद से हत्या करने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में एक दूत और एक विमानन कंपनी के कर्मी समेत सात उत्तर कोरियाई लोग वांछित हैं।