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तेहरान: ईरान की नौसेना ने खाड़ी में सैन्य अभ्यास के दौरान नस्र और देहलावियह मिसाइलों के नए संस्करणों का परीक्षण किया है। फारस समाचार एजेंसी के मुताबिक रक्षा मंत्री हुसैन देहगान ने कहा कि देश के दक्षिणी जल में 95 नौसेना युद्धाभ्यास ‘वेलयात’ के दौरान नौसेना की नई क्रूज मिसाइल नस्र का परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि मिसाइल ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेद दिया। तसनीम समाचार एजेंसी ने कहा है कि लेजर-निर्देशित मिसाइल देहलावियह का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। नए संस्करणों की मारक क्षमता के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
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इस्लामाबाद: आतंकवादियों के खिलाफ देशव्यापी तलाश अभियान की सीरीज के दौरान अफगान और उज़्बेक नागरिकों सहित 350 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से हथियार एवं मादक पदार्थ बरामद किए हैं। यह जानकारी सेना ने दी है कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने दावा किया है कि उन्होंने उत्तर वजीरिस्तान से हथियार और अशांत बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा में एक आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने कहा है कि शनिवार रात और कल किए गए देशव्यापी तलाशी अभियान के दौरान अफगान और उज़्बेक नागरिकों सहित 350 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने उनके कब्जे से हथियार और मादक पदार्थ भी बरामद किए हैं। सेना ने कहा है कि उत्तर वजीरिस्तान के दत्ताखेल के शिरानी गांव से बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया है। कानून प्रवर्तकों ने गुलबर्ग और पेशावर के अन्य इलाकों में छापेमारी के दौरान 30 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया और हथियार तथा मादक पदार्थ जब्त किए, जबकि बन्नू में 75 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है।
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ह्यूस्टन: भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की याद में कन्सास शहर में शांति जुलूस निकाला गया और प्रार्थना सभा रखी गई जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुये। घृणा अपराध की घटना में एक पब में कुचिभोटला को गोली मार दी गयी थी जिससे उनकी मौत हो गई। जुलूस में शामिल लोगों ने अपने हाथों में बैनर ले रखे थे जिन पर लिखा था, ‘हम अमन चाहते हैं’, ‘हम अमनपसंद हैं’, ‘हमे अपने बच्चों से बिछड़ने मत दो’। जुलूस में शामिल अनेक लोगों ने अपने हाथों में मोमबत्तियां पकड़ रखी थीं और तख्तियां ली थी, जिन पर लिखा था, ‘हम घृणा की राजनीति का समर्थन नहीं करते।’ इस शांति जुलूस और प्रार्थना सभा में श्रीनिवास के कई दोस्त शामिल हुये। बुधवार को हुई इस गोलीबारी में घायल हुए एक अन्य भारतीय आलोक मदसानी भी बैसाखियों की मदद से इस जुलूस में शामिल हुये। उस रात गोलीबारी में एक तीसरे व्यक्ति इयान ग्रिलॉट की बहन भी शांति जुलूस में शामिल हुई। अमेरिकी नागरिक ग्रिलॉट ने हमलावर को रोकने की कोशिश की थी। अमेरिकी नौसना के वरिष्ठ शूटर एडम पुरिंटन, लेफ्टिनेंट गवर्नर जेफ कोलयेर, अमेरिकी सांसद केविन योडेर, ऑलथे के मेयर माइक कोपलैंड और पुलिस प्रमुख स्टीवेन मेंके तथा अन्य सरकारी अधिकारी भी शांति जुलूस और प्रार्थना सभा में शामिल हुए। हिन्दू मंदिर और कन्सास शहर के सांस्कृतिक केन्द्र में विभिन्न समुदायों के पुजारियों ने प्रार्थना की।
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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह व्हाइट हाउस संवाददाता संघ (व्हाइट हाउस कॉरेसपॉण्डेंट्स एसोसिएशन ..डब्ल्यूएचसीए) के वार्षिक रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होने जा रहे हैं जो मीडिया के साथ अपनी तनातनी के बीच इस भव्य समारोह में नहीं जा रहे। ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘मैं इस साल व्हाइट हाउस कॉरेसपॉण्डेंट्स एसोसिएशन के रात्रिभोज में शामिल नहीं हूंगा। कृपया हर किसी को मेरी शुभकामनाएं दें।’ इस भोज में पत्रकारिता छात्रवृत्तियों के लिए धन जुटाया जाता है। इस वार्षिक समारोह में राष्ट्रपति, पत्रकार, चर्चित हस्तियां और वाशिंगटन के चुनिंदा लोग शामिल होते हैं। सीएनएन की खबर के अनुसार, इस समारोह में शिरकत न करने वाले पिछले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे। वह इसलिए इसमें शामिल नहीं हुए थे क्योंकि वह वर्ष 1981 में अपने उपर हुए घातक हमले से उबर रहे थे। हालांकि उन्होंने फोन पर अपना संबोधन दिया था। एनपीआर के अनुसार, रिचर्ड निक्सन ने वर्ष 1972 में इस समारोह में शिरकत नहीं की थी।ट्रंप की इस घोषणा से एक दिन पहले ही द न्यूयार्क टाइम्स, सीएनएन और बीबीसी समेत कई बड़े खबरिया समूहों को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। उन्होंने नकारात्मक मीडिया कवरेज को अक्सर फर्जी बताया है और मीडिया पर विपक्षी दल होने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बड़े खबरिया संगठन लोगों के दुश्मन हैं। वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं। पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था।
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