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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

टोक्यो: जापान की संसद ने एक कानून को मंजूरी प्रदान की है, जिसके अनुसार सम्राट अकिहितो अपनी इच्छा से सम्राट का पद छोड़ सकते हैं और अपने पुत्र राजकुमार नारूहितो के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। संसद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद पिछले लगभग 200 वर्षों के दौरान यह पहली बार होगा जब जापान का कोई सम्राट अपना पद छोड़ेगा। सम्राट अकिहितो के पद छोड़ने के बाद उनके पुत्र राजकुमार नारूहितो अगले वर्ष के अंत तक जापान के सम्राट का पद संभाल सकते हैं। गौरतलब है कि 83 वर्षीय सम्राट अकिहितो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से ग्रसित हैं। जापानी सम्राट के दिल का ऑपरेशन होने के अलावा प्रोस्टेट कैंसर का इलाज भी हो चुका है। गत वर्ष सम्राट अकिहितो ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उम्र के इस पड़ाव के कारण उनके लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना काफी कठिन हो गया है। मधुरभाषी सम्राट अकिहितो ने कई दशकों तक देश और विदेश में कार्य कर द्वितीय विश्व युद्ध के घावों को भरने का काम किया है।

वॉशिंगटन: एफबीआई निदेशक पद से हटाए गए जेम्स कोमे ने आरोप लगाए हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्याय प्रणाली में बाधा पहुंचाने की कोशिश की। उनकी गवाही से अमेरिकी राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। कोमे ने आरोप लगाए हैं कि ट्रंप ने अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के खिलाफ जांच बंद करने के लिए कहा था। साथ ही अपने प्रति वफादार रहने की मांग की थी। सात पन्नों की अपनी लिखित गवाही में कोमे ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत का ब्योरा दिया है। यह गवाही शुक्रवार को कांग्रेस की सुनवाई के दौरान जारी होना था, लेकिन सीनेट सेलेक्ट कमिटी ने इसे एक दिन पहले ही जारी कर दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि कोमी की गवाही जारी होने के बाद व्हाइट हाउस अब बचाव की मुद्रा में है। डेमोक्रेटिक सीनेट एड मार्के ने कहा कि कोमे का बयान ट्रम्प के बर्ताव का उल्लेख करता है कि वह कितने अयोग्य एवं कितने बुरे गैर कानूनी शख्सियत हैं। उन्होंने कहा, ‘कई अवसरों पर ट्रम्प ने एफबीआई निदेशक से अपने प्रति वफादार रहने की मांग की थी। ऐतिहासिक संघीय जांच में दखल देने का प्रयास किया था। जब कोमे ने दोनों अनुरोधों को ठुकरा दिया तो उन्हें पद से हटा दिया गया।’

वाशिंगटन: अमेरिका में विज्ञान, तकनीक, राजनीति जैसे क्षेत्रों में भारतीयों प्रतिभाओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण भारतीय मूल के राजा चारी हैं, जिन्हें नासा ने 12 भावी अंतरिक्षयात्रियों में चुना है। 39 साल के राजाचारी अमेरिकी वायुसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और वह भारतीय मूल के तीसरे शख्स होंगे, जो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्षयात्रियों की टीम का हिस्सा होंगे। इससे पहले भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स नासा की टीम के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं। भारतीय मूल की कनाडाई डॉक्टर शावना पांड्या को भी 2018 में अंतरिक्षयात्री के तौर पर चुना जा सकता है। अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस की मौजूदगी में बुधवार रात नासा ने इन अंतरिक्षयात्रियों के नामों का ऐलान किया। नासा के प्रशासक राबर्ट लाइटफुट ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर सेवाएं देने के साथ इन अंतरिक्षयात्रियों को ऐसे सुदूर अंतरिक्ष मिशन पर भेजा जा सकता है, जहां मनुष्य ने पहले कभी कदम नहीं रखा। इनमें छह सैन्य अफसर, तीन वैज्ञानिक, दो डॉक्टर, एक स्पेसएक्स का इंजीनियर और एक नासा का रिसर्च पायलट शामिल है। चयनित अन्य अंतरिक्षयात्रियों की तरह राजा चारी को भी अगस्त से दो साल के गहन प्रशिक्षण से गुजरना होगा। नासा इन 12 अंतरिक्षयात्रियों को सुदूर अंतरिक्ष अभियानों जैसे मंगल ग्रह पर मानव भेजने के मिशन के लिए प्रशिक्षित करेगी।

इस्लामाबाद: भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई को लेकर तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष गुरुवार को तीन नाम रखेगा। कथित जासूसी के मामले में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान की निजी समाचार एजेंसी न्यूज नेटवर्क इंटरनेशनल (एनएनआई) के मुताबिक पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अशतर औसफ की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल द हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम को नामों की सूची सौपेंगा। तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों नसीरल मुल्क और तस्सदुक हुसैन जिलानी और पूर्व अटॉनी जनरल मखदूम अली के नामों की सिफारिश की गई है। भारत ने जाधव को फांसी देने पर अंतरिम स्थगन लगाने की मांग को लेकर पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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