ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

वाशिंगटन: पेंटागन की एक नयी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन के पकिस्तान एवं उन अन्य देशों में अतिरिक्त सैन्य शिविरों की स्थापना करने की संभावना है, जिन देशों के साथ उसके लंबे समय से मित्रवत संबंध एवं समान सामरिक हित रहे हैं। चीन पाक आर्थिक गलियारे से बीजिंग पाकिस्तान में अपनी पैठ बनाने में लगा है और पड़ोसी देश में सैन्य शिविर बनाने की योजना भारत के लिए चिंता की बात होगी। चीन के सैन्य निर्माण पर अमेरिकी कांग्रेस में पेश अपनी वार्षिक रिपोर्ट में अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन का जिबूती के सामरिक क्षेत्र में सैन्य शिविर का निर्माण ऐसा पहला कदम है और संभवत: यह दुनिया में उसके मित्रवत देशों के बंदरगाहों पर सैन्य शिविरों के विस्तार की संभावना का आगाज करेगा। हिंद महासागर, भूमध्यसागर एवं अटलांटिक महासागर जैसे सुदूरवर्ती समुद्री क्षेत्रों में नियमन तथा स्थायी विकास को लेकर जरूरी साजो सामान की पहले से स्थिति सुनिश्चित करने के लिये संभवत: चीन विदेशी बंदरगाहों तक अपनी पहुंच में विस्तार कर रहा है। पेंटागन ने कहा, चीन अपने सैन्य शिविर की स्थापना उन देशों में करना चाहेगा, जिन देशों के साथ उसके लंबे समय से मित्रवत संबंध और समान सामरिक हित जुड़े रहे हैं। जैसे कि पाकिस्तान और ऐसे देश जहां विदेशी सेना की मेजबानी के उदाहरण देखने को मिले हैं।

रिपोर्ट में हालांकि इस बात पर चिंता जाहिर की गयी है कि अधिक शिविर निर्माण के चीन के प्रयास पर कुछ देशों को मजबूरी में अपनी इच्छा के विपरीत अपने बंदरगाहों पर चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी की उपस्थिति के लिये समर्थन करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि चीन पाक के बलूचिस्तान में सामरिक रूप से स्थित ग्वादर बंदरगाह का विकास कर रहा है और कई अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने यह कदम वहां अपनी सैन्य मौजूदगी रखने के उद्देश्य से उठाया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख