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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि आशंका है कि इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन के जेहादियों ने मोसुल के पुराने शहर में एक लाख से अधिक इराकी नागरिकों को मानव कवच के रूप में बंधक बना रखा हो। इराकी बल आईएस से मोसुल वापस लेने के लिए लड़ रहे हैं। जेहादी समूह ने इस शहर पर 2014 में कब्जा कर लिया था और अपना बर्बर शासन स्थापित किया था। इराक में संरा शरणार्थी एजेंसी के प्रतिनिधि ब्रूनो गेड्डो ने कहा कि आईएस मोसुल के बाहर संर्ष में नागरिकों को पकड़ रहा है और उन्हें अपने कब्जे वाले पुराने शहर में जबरन भेज रहा है। उन्होंने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि एक लाख से अधिक नागिरक अब भी पुराने शहर में बंधक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन नागरिकों को मूल रूप से पुराने शहर में मानव कवच के रूप में रखा गया है।

न्यूयॉर्क: दिल्ली में 2014 में उबर के टैक्सी चालक द्वारा दुष्कर्म की शिकार हुई महिला ने कंपनी को कोर्ट में घसीटा है। पीड़िता ने कंपनी पर दुष्कर्म के गैरकानूनी तरीके से मेडिकल रिकॉर्ड हासिल कर निजता भंग करने और चरित्र पर संदेह करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने कैलीफोर्निया की संघीय अदालत में दर्ज कराए केस में उबर के सीईओ ट्रेविस क्लानिक, पूर्व उपाध्यक्ष एरिक एलेक्जेंडर और एक अन्य पूर्व अधिकारी इमिल माइकल को भी आरोपी बनाया है। शिकायत में कहा गया है कि उबर के प्रबंधकों ने गलत तरीके से मेडिकल रिकॉर्ड हासिल करने के बाद उसे दूसरों से साझा किया गया। याचिका में मुआवजे की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, एलेक्जेंडर ने पीड़िता का मेडिकल रिकॉर्ड हासिल करने के बाद इसे सीईओ क्लानिक और माइकल के साथ साझा किया। कंपनी के कई प्रबंधकों को या तो रिकॉर्ड के बारे में बताया गया या उन्हें दिखाया गया। गौरतलब है कि उबर के खिलाफ यह केस ऐसे वक्त हुआ है, जब कंपनी यौन उत्पीड़न और कार्यालय में महिला विरोधी संस्कृति के आरोपों से जूझ रही है। उधर, लगातार घाटे के बीच कंपनी के करीब एक दर्जन अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। इसमें एलेक्जेंडर और माइकल शामिल हैं। निशाने पर आए सीईओ क्लानिक लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।

लंदन: लंदन की 24 मंजिला रिहायशी इमारत में बुधवार तड़के लगी आग में मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 17 हो गई लेकिन पुलिस का कहना है कि मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि इमारत में से किसी के जिंदा निकलने की उम्मीद अब कम है। एक सवाल के जवाब में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे कहा, इस घटना के तार आतंक से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने मामले में पूर्ण सार्वजनिक जांच के आदेश देते हुए कहा कि एक जज के नेतृत्व में जांच किए जाने की आवश्यकता है ताकि भयावह घटना की सही जांच सुनिश्चित की जा सके। मे ने कहा, हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या हुआ, हमें एक स्पष्टीकरण की जरूरत है। यह उन परिवारों, उन लोगों के लिए जरूरी है जिनके रिश्तेदार वहां रहते थे। इसलिए मैं एक पूर्ण सार्वजनिक जांच की मांग कर रही हूं ताकि हमें इनके जवाब मिल सके, हमे पता चल सके कि वास्तव मैं वहां क्या हुआ था। लेटिमेर रोड पर स्थित लैंकेस्टर वेस्ट एस्टेट के ग्रेनफेल टावर में स्थानीय समयानुसार बुधवार आधी रात के बाद एक बजकर 16 मिनट पर आग लग गई थी। माना जा रहा है कि जिस वक्त आग लगी उस वक्त टावर के 120 फलैटों में तकरीबन 600 लोग मौजूद थे और उनमें से अधिकतर सो रहे थे। पुलिस ने इमारत में मौजूद 600 लोगों में से 17 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।

संयुक्त राष्ट्र: कानून विशेषज्ञ नीरू चड्ढा संयुक्त राष्ट्र की न्यायिक संस्था ‘इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी’ (आईटीएलओएस) की न्यायाधीश चुनी गई हैं। वह 21 सदस्यीय अदालत में स्थान पाने वाली पहली भारतीय महिला न्यायाधीश होंगी। नीरू बुधवार को नौ साल के लिए इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी’ (आईटीएलओएस) की न्यायाधीश निर्वाचित हुईं। उन्हें एशिया प्रशांत समूह में सर्वाधिक 120 मत मिले। इस समूह से वह एकमात्र उम्मीदवार थीं, जिन्होंने मतदान के पहले चरण में ही चुनाव जीत लिया। उनके मुकाबले इंडोनेशिया के उम्मीदवार को 58, लेबनान के उम्मीदवार को 60 और थाईलैंड के उम्मीदवार को 86 मत मिले। इन सभी तीनों उम्मीदवारों ने मतदान के दूसरे चरण में प्रवेश किया जिसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में अन्य सीट पर थाईलैंड को जीत मिली। यहां कुल सात सीटों के लिए मतदान हुआ था। मतदान में 168 देशों ने भाग लिया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने देशों की ओर से बड़े स्तर पर मिले सहयोग के लिए आभार जताया, जिसके कारण नीरू को आईटीएलओएस के चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली। अकबरूद्दीन ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून के मामलों में भारत की वैश्विक स्थिति की प्रशंसा को दर्शाता है। यह समुद्र संबंधी कानून से जुड़े समकालीन मामलों में वार्ताकार और वकील के रूप में नीरू की विशेषज्ञ की मान्यता को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक बयान में कहा, आईटीएलओएस के गठन के दो दशक में नीरू इसकी दूसरी महिला न्यायाधीश होंगी।

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