ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना महामारी के चलते विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर लगी पाबंदी में नवंबर से छूट देने जा रहे हैं। नवंबर से कोरोना रोधी टीके की पूरी डोज लेने वाले लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति होगी। कोरोना मामलों पर व्हाइट हाउस के समन्वयक जेफ जेंट्स ने कहा कि विदेशी नागरिकों को विमान में सवार होने से पहले पूर्ण टीकाकरण के साथ ही साथ तीन पहले की निगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट दिखानी होगी।

जेंट्स ने विदेशी नागरिकों के लिए अमेरिका की यात्रा को लेकर सोमवार को नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन ने बिना टीका लगवाए लौटने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए भी जांच के नियम सख्त किए हैं। ऐसे लोगों को यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले और अमेरिकी पहुंचने के एक दिन के भीतर कोरोना जांच करानी होगी। पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों को क्वारंटाइन में रहने की जरूरत नहीं होगी। कोरोना महामारी के बाद अमेरिका ने पिछले साल की शुरुआत में विदेशी नागरिकों के आने पर पाबंदी लगा दी थी। इसकी शुरुआत चीनी नागरिकों के साथ हुई थी।

लंदन: नए कोरोना टीका प्रोटोकॉल के तहत यात्रा ढील में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं देने को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बढ़ने लगा है। नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्यूमनाई यूनियन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, यह कदम भेदभाव पूर्ण है।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कमाई के मामले में दूसरे नंबर पर भारतीय छात्रों से ब्रिटेन सालाना 2.88 करोड़ पाउंड कमाता है। उसके बावजूद वहां के छात्रों व लोगों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों।

नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्यूमनाई यूनियन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, जॉनसन प्रशासन के इस फैसले से भारतीय छात्र खास परेशान हैं। ब्रिटेन सरकार उन्हें अमेरिका व यूरोपीय संघ के अन्य देशों से आने वाले छात्रों से अलग रख रही है। हम भारतीयों व वहां के छात्रों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा ने भी इस मुद्दे पर आवाज बुलंद की है।

ब्रिटेन ने शुक्रवार को अपने यात्रा नियमों ढील देते हुए पीली और हरी सूची को खत्म कर दिया था।

मॉस्को: रूस के पर्म शहर में एक यूनिवर्सिटी के कैंपस में सोमवार सुबह हुई गोलीबारी के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के ही एक छात्र ने कैंपस में घुसकर जबरदस्त गोलीबारी की, जिसमें आठ छात्रों की मौत हो गई और करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए। इस घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें क्लास में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग से कूदकर बाहर निकलते दिखाया गया है। एक डराने वाले वीडियो में तो छात्र-छात्राएं हमलावर से बचने के लिए दूसरी मंजिल से अपना सामान बाहर फेंकते और बाद खुद भी छलांग लगाते दिखाई दे रहे हैं। इसमें कुछ छात्र गिरकर घायल भी हुए हैं। 

इस घटना के एक और वीडियो में हमलावर को काले कपड़े-हेलमेट पहने बंदूक के साथ कैंपस में घूमते देखा जा सकता है। पुलिस का कहना है कि यह हमलावर खुद भी यूनिवर्सिटी का छात्र था। उसने यूनिवर्सिटी में घुसने के दौरान पहले एक गार्ड को गोली मारी और फिर कैंपस में अंधाधुंध फायरिंग करने लगा। बाद में पुलिस ने उसे धर दबोचा।

पोर्ट एलिज़ाबेथ: दक्षिणी अफ्रीकी फाउंडेशन फॉर द कंजर्वेशन ऑफ कोस्टल बर्ड्स ने रविवार को कहा कि मधुमक्खियों के झुंड ने केप टाउन के बाहर एक समुद्र तट पर 63 लुप्तप्राय अफ्रीकी पेंगुइन को मार डाला है। फाउंडेशन के एक ​​पशु चिकित्सक डेविड रॉबर्ट्स ने कहा, "परीक्षण के बाद, हमें पेंगुइन की आंखों के आसपास मधुमक्खी के डंक मिले। यह एक बहुत ही दुर्लभ घटना है। हम इसे अक्सर होने की उम्मीद नहीं करते हैं, यह एक अस्थायी घटना है।"

उन्होंने फोन पर एक समाचार एजेंसी को बताया, "मौके पर मृत मधुमक्खियां भी मिली थीं।" शुक्रवार को मृत पाए गए संरक्षित पक्षी केप टाउन के पास एक छोटे से शहर सिमोंस्टाउन की एक कॉलोनी के थे। यह क्षेत्र एक राष्ट्रीय उद्यान है और केप मधुमक्खियां पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं।

रॉबर्ट्स ने कहा, "पेंगुइन... को वैसे ही नहीं मरना चाहिए क्योंकि वे पहले से ही विलुप्त होने के खतरे में हैं. वह एक संरक्षित प्रजाति है।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख