इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान के लिए सहमति बनाने के लिए 'जोरदार बैटिंग' में जुटे हैं ताकि अफगानिस्तान में 'इस्लाामिक अमरीत' की नई कार्यवाहक सरकार को मान्यता मिल सके। तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद इंटरनेशलन न्यूज आर्गेनाइजेशन से पहली बार बात करते हुए पूर्व क्रिकेटर इमरान ने सीएनएन से कहा कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए सबसे अच्छा तरीका तालिबान से जुड़ना और उसे महिलाओं के अधिकार व समावेशी सरकार के लिए प्रेरित करना ही है।
इमरान ने कहा, 'तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है और अगर वे सारे धड़ों के साथ मिलकर समावेशी सरकार की दिशा में काम करते हैं, तो अफगानिस्तान में 40 साल के बाद शांति की बहाली हो सकती है। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है, जिसके बारे में हम सभी चिंतित है तो अराजकता की स्थिति बन सकती है। शरणार्थी समस्या के रूप में बड़ी मुसीबत आ सकती है।' उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती है कि कोई बाहर से महिलाओं को अधिकार देगा। अफगान महिलाएं मजबूत हैं, उन्हें समय दीजिए, वे अपने अधिकार हासिल कर लेंगी।'
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि महिलाओं को समाज में जीवन को अपनी क्षमता से पूरा करने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद से संगठन ने मानवाधिकारों (खासकर महिलाओं और लड़कियों के) की बहाली और पत्रकारों को अपना काम जारी रखने की इजाजत देकर नई तस्वीर पेश करने की कोशिश की है। हालांकि महिलाओं को तालिबान की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार में स्थान नहीं दिया है, उन्हें घर में रहने के आदेश दिए गए है और उनकी शिक्षा पर तमाम बंदिशें थोपी गई हैं। यह भी वास्तविकता है कि तालिबान के शासन और नागरिकों के अधिकारों को लेकर विरोध को सख्ती से दबाया है। पत्रकारों को अरेस्ट किए जाने और उन्हें निर्ममता से पीटे जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
इमरान ने दावा किया कि तालिबान, संकट से उबरने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की ओर से देख रहे हैं जिसका इस्तेमाल इस 'ग्रुप' को वैधता की सही दिशा में अग्रसर करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि अफगानिस्तान को बाहरी ताकतों के जरिये नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान में किसी भी कठपुतली सरकार का लोगों ने समर्थन नहीं किया है। ऐसे में यहां बैठकर उन्हें नियंत्रित करने के बारे में सोचने की जगह हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार का साफ तौर पर मानना है कि विदेशी मदद और सहायता के बिना वे संकट को नहीं रोक पाएंगे। हमें उन्हें सही दिशा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।' पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा संबंधी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के बयान पर इमरान ने कहा कि उन्होंने इस तरह की अज्ञानता के बारे में पहले नहीं सुना।
गौरतलब है कि अमेरिका ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि वो अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते की आने वाले हफ्तों में समीक्षा करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपने देश की संसद को यह जानकारी दी है। तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद कांग्रेस के समक्ष अपनी पेशी में ब्लिंकेन ने कहा कि पाकिस्तान ने तालिबान के सदस्यों को पनाह दी, इसमें वैश्विक आतंकी घोषित हक्कानी नेटवर्क के सदस्य शामिल हैं।