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लखनऊ: गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि अधिकारी खुल कर कमीशन ले रहे हैं। वह इसे अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान रहे हैं। एक या दो प्रतिशत ही अधिकारी ईमानदारी दिखा रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी जानबूझ कर जनप्रतिनिधियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इनकी व नेताओं की संपत्ति की जांच करा ली जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। मंगलवार को हुए अभूतपूर्व हंगामे के बाद भाजपा विधायक नंदर किशोर गुर्जर को बुधवार को विधानसभा में अपनी बात कहने का मौका मिला।

उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को सदन में अधिकारियों द्वारा अपने उत्पीड़न की बात कहना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। उम्मीद है कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हमने कभी एक रुपया कमीशन नहीं लिया लेकिन हमारे यहां अफसर 18 से 22 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं। यहां तक कि विधायक निधि में भी कमीशन की मांग की जाती है। विधायक ने कहा कि अधिकारी कहते हैं कि भाजपा सरकार में चार प्रतिशत कमीशन कम लिया जाता है।

 

'अफसरों की पत्नियों के एनजीओ की जांच हो'

भाजपा विधायक ने कहा कि अधिकारियों की पत्नियों के एनजीओ की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे अपराधी बताया गया, जिससे मुझे दुख हुआ है। मैंने कभी किसी अधिकारी से कोई काम नहीं कहा है। जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए। इस पर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने शेम-शेम कहा। उन्होंने कहा कि जब वह आवाज उठाते हैं तो उन पर मुकदमा लाद दिया जाता है।

'मुख्यमंत्री योगी संत हैं, उनके पैर छू सकता हूं'

नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री का जीरो टालरेंस का सपना कैसे पूरा होगा। उन्होंने कहा कि वह कल की घटना (विधानभवन में अपनी पार्टी भाजपा के खिलाफ ही धरने पर बैठे थे) पर व्यथित हैं और खेद व्यक्त करते हैं। उनकी बात सुनने के बाद सरकार की ओर से श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अब इस पर विधानसभा अध्यक्ष जो भी व्यवस्था देंगे, सरकार उसका पालन करवाएगी।

सदन से बाहर निकलने पर जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री से माफी मांगेगे? इस पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संत हैं, योगी हैं। माफी क्या उनके पैर भी छू सकता हूं।

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