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वाराणसी: बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी) से डॉ. फिरोज खान के इस्तीफे के साथ ही नियुक्ति के विरोध में चल रहा छात्रों का आंदोलन भी मंगलवार को खत्म हो गया। संकाय प्रमुख के प्रतिनिधि प्रो.कौशलेंद्र पांडेय ने छात्रों के सामने आकर आधिकारिक घोषणा की कि डॉ.फिरोज अब संकाय में नहीं पढ़ाएंगे। उन्होंने एसवीडीवी से इस्तीफा देकर कला संकाय के संस्कृत विभाग में ज्वाइन कर लिया है। प्रो.पांडेय ने आंदोलनकारी छात्रों से धरना खत्म करने की अपील की। इसके बाद छात्र खुशी जताते हुए वहां से हट गये।

डॉ. फिरोज को संकाय के साहित्य विभाग में पढ़ाने के लिए पांच नवंबर को साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति दी गयी थी। गैर हिन्दू होने के कारण छात्रों का एक समूह नियुक्ति के विरोध में सड़क पर उतर आया। साक्षात्कार स्थल होल्कर हाउस के बाहर धरना शुरू कर दिया। छात्र डॉ. फिरोज की नियुक्ति रद करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने तर्क दिया कि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में डॉ. फिरोज की नियुक्ति महामना मालवीय की भावनाओं के विपरीत है। छात्रों ने लगातार 15 दिनों तक धरना दिया।

बीएचयू से मिले आश्वासन पर कुछ दिनों के लिए धऱना खत्म हुआ लेकिन आंदोलन जारी रहा।

पिछले हफ्ते दोबारा धरना शुरू हो गया। छात्रों ने कभी भिक्षाटन किया, कभी मशाल जुलूस निकाला। परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक भी किया गया। कक्षाएं बंद करा दीं और परीक्षा के बहिष्कार की भी चेतावनी दे डाली। इसी बीच आयुर्वेद संकाय और कला संकाय के संस्कृत विभाग में डाक्टर फिरोज ने इंटरव्यू दिया और नियुक्त भी हो गए।

सोमवार को दोनों संकायों से नियुक्ति पत्र मिलते ही कला संकाय को फिरोज ने चुना और संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की आधिकारियों घोषणा मंगलवार को होते ही छात्रों का आंदोलन खत्म हो गया।

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