लखनऊ: आग के हवाले की गई उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने शुक्रवार देर रात यहां सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराधों में वृद्धि पर आक्रोश जताने के लिए अखिलेश यादव 11 बजे विधानभवन के सामने पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी के साथ धरने पर बैठ गए। इससे पहले उन्होंने दो मिनट का मौन रखकर दुष्कर्म पीड़िता को श्रद्धांजलि दी। अखिलेश के धरने पर बैठने की सूचना मिलते ही कार्यकर्ताओं का विधानभवन पहुंचना शुरू हो गया। सपा नेताओं ने कहा कि भाजपा राज में महिलाएं, बच्चियां सुरक्षित नहीं है। सपा पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेगी।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा उन्नाव की घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि उन्नाव की बेटी जिंदा रहना चाहती थी, लेकिन डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी वह नहीं बची। भाजपा सरकार में यह पहली घटना नहीं है। भाजपा सरकार में बेटियां न्याय मांग रही हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में बेटियों के खिलाफ अपराध बढ़ा है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा कानून व्यवस्था ठीक होने का दावा करती है। राज्य सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई।
अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि उन्नाव की घटना भयानक है। इस सरकार में यह पहली घटना नहीं है। आज हमारे लिए काला दिवस है। डाक्टरों की कोशिश के बाद भी उन्नाव की बेटी की जान नहीं बच सकी। सपा रविवार को सभी जिला मुख्यालयों में शोकसभाएं करके उन्नाव की बेटी को श्रद्धांजलि देंगे।
विधानभवन के सामने सांकेतिक धरने के बाद अखिलेश ने कहा कि उन्नाव की घटना बहुत दुखद। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। इस सरकार में ना बेटियां सुरक्षित है ना उनका सम्मान सुरक्षित है। क्या यही भारतीय जनता पार्टी का नारा था। उन्होने कहा, समाजवादी सरकार ने दुनिया की सबसे बेहतरीन महिला हेल्प लाइन 1090 दी। सरकार ने इसे बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा, पूरा देश हैदराबाद की घटना को लेकर गुस्से में था। वैसी ही दुखद व निंदनीय घटना उन्नाव में हो गई। यह भाजपा सरकार में पहली घटना नहीं है। उन्नाव की बेटी बहादुर थी। उसके आखिरी शब्द थे कि हमें जिंदा रहना है। वह डॉक्टर से यही कह रही थी। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर पहले भी उन्नाव से लड़की आई, बाराबंकी से लड़की आई थी लेकिन न्याय अभी तक नहीं मिला। लड़की की मौत के लिए सरकार दोषी है। जिन पर रेप व जलाने के आरोप हैं वे भाजपा से जुड़े लोग हैं। उन्नाव की बेटी हमारे बीच नहीं रही लेकिन लड़ने की प्रेरणा देती रहेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री, डीजीपी और प्रमुख सचिव के हटे बिना प्रदेश में कानून व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकती।
पीड़ितों से भेदभाव कर रही सरकार
अखिलेश ने कहा, सरकार पीड़ितों के साथ भेदभाव कर रही है। एक पीडि़ता को 10 लाख दिए। प्रतापगढ़ के अनुसूचित जाति के दो लोग की मौत और उन्नाव में जिंदा जला देने के मामले में सरकार ने कोई मदद नहीं की। कहा, हम गंदी सियासत नहीं करते हैं। महिलाओं की रक्षा के लिए डायल 100 और 1090 शुरू किया। सरकार उसको भी सही से नहीं चला पा रही है। पार्टी के जिला मुख्यालय में कल शोक सभा का आयोजन किया जाएगा।
वहीं इस मामले में सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा ''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव पीड़िता के सन्दर्भ में कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, उसकी मौत अत्यंत दुखद है। उनके द्वारा परिवार के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त की गयी। सभी अपराधी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मामले को त्वरित अदालत में ले जाकर कड़ी सज़ा दिलाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि हैदराबाद की घटना के बाद से गुस्से में था। इसके बाद उन्नाव की घटना। उन्नाव में जो हुआ वो भाजपा के शासन में यह पहली घटना नहीं है। वो बेटी बहुत बहादुर थी और उसकी आखिरी शब्द थे कि वो जिंदा रहना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज ये हमारे लिए काला दिवस है। एक बेटी को यूपी में न्याय पाने के लिए आत्मदाह करना पड़ा। उन्नाव की पीड़िता को इसलिए इंसाफ नहीं मिला क्योंकि आरोपी भाजपा से हैं।
अस्पताल के 'बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, '' हमारे पूरे प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है। इसके बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को जिंदा जलाए जाने के बाद बलात्कार पीड़िता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी। दिल्ली यातायात पुलिस ने पीड़िता को हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था। उसे लखनऊ से दिल्ली एयर एम्बुलेंस के जरिए लाया गया था। इससे पहले दिन में डॉ. कुमार ने कहा था कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने बताया था कि पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा था, '' हमने मरीज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया है। चिकित्सकों का एक दल उसकी हालत पर लगातार नजर रख रहा है।
पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपी शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी।
पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे दिल्ली लाया गया।