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कानपुर: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने शनिवार को कहा कि भारत में परिवर्तन लाने में प्रौद्योगिकी ने बहुत बड़ी भूमिका निभायी है। कोविन्द ने प्रौद्योगिकी को सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा कारक बताते हुए कहा कि आजादी के समय गरीब राष्ट्र रहा भारत अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। इसका श्रेय प्रौद्योगिकी को जाता है। उन्होंने यहां एक निजी कॉलेज के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य 2024-25 तक भारत को पांच हजार अरब डालर वाली अर्थव्यवस्था बनाना है और प्रौद्योगिकी इसमें भूमिका निभाएगी।

कोविन्द ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने समाज के हाशिये पर चले गये लोगों का जीवन बेहतर बनाया है लेकिन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के बारे में बात करते समय मानवता पर इसके पड़ने वाले प्रभावों पर भी विचार करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम दशकों से अनगिनत दिव्यांगों के लिए उपकरण बना रहा है और उसका ध्यान लगातार प्रौद्योगिकी उन्नयन पर भी रहा है। इसके बाद राष्ट्रपति ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले महीने उन्होंने आईआईटी-दिल्ली के लिए अक्षय निधि की शुरूआत की थी जो संस्थान के पूर्व छात्रों के सहयोग से बनी थी।

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में निधि की शुरुआत करते हुए कहा कि सभी शैक्षिक संस्थानों में इस तरह की निधि की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा सकती है, संस्थान का बुनियादी ढांचा विकसित किया जा सकता है और उन्नत प्रौद्योगिकी का विकास किया जा सकता है ।

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के छात्रों से इस पहल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया । उन्होंने फंड के लिए एक लाख 11 हजार रूपये का सहयोग दिया और अन्य लोगों से भी इस कार्य में सहयोग देने का आग्रह किया।

 

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