वाराणसी: वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में 2006 से भी बड़ा बम धमाका करने की धमकी भरी एक चिट्ठी मिली है। मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लंका थाने में चिट्ठी भेजने वाले जमादार मियां और अशोक यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। इसके साथ ही संकट मोचन मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र को सोमवार की रात एक धमकी भरी चिट्ठी मिली थी।
चिट्ठी में लिखा था कि मंदिर में मार्च 2006 से बड़ा धमाका करेंगे। धमकी को हल्के में न लेने की चेतावनी भी दी गई। चिट्ठी मिलने के तुरंत बाद प्रो. मिश्र ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईबी और एडीजी जोन को जानकारी दी। मंगलवार देर रात लंका थाने में चिट्ठी में दर्ज दोनों नामों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
2006 में सात लोगों की मौत और 100 से ज्यादा हुए थे घायल सात मार्च, 2006 को संकट मोचन मंदिर, कैंट स्टेशन और दशाश्वमेध घाट पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में सात लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह बम धमाका देश के 10 बड़े आतंकी हमलों में से एक बताया जाता है। पुलिस की पड़ताल में पता चला था कि बम बिहार में बनाए गए थे लेकिन विस्फोटक सामग्री नेपाल से लाई गई थी।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह किसी की शरारत प्रतीत हो रही है। तफ्तीश शुरू करा दी गई है। चिट्ठी भेजने वालों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।