एटा: बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में भीड़ हिंसा में मारे गए एटा के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है। उनकी अंतिम यात्रा में सांसद, विधायक, अफसर सहित हजारों लोग शामिल हुए। सभी ने जांबाज को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इससे पहले परिवार ने अपनी मांगों को लेकर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का अंतिम संस्कार दिया था। परिजनों ने सरकार द्वारा दी गई आर्थिक मदद को लेने से इंकार कर दिया। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे।
भाई अतुल कुमार सिंह ने कहा कि जांबाज इंस्पेक्टर को शहीद का दर्जा दिया जाए। जब तब मुख्यमंत्री मांगें पूरी करने का आश्वासन नहीं देंगे, वे अंतिम संस्कार न करेंगे। इस पर वहां मौजूद फर्रुखाबाद के भाजपा सांसद और अलीगंज विधायक ने मांगें पूरी कराए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए। मंगलवार की सुबह सुबोध कुमार सिंह का पार्थिव शरीर एटा पुलिस लाइन पहुंचा। यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। एडीजी अजय आनंद, डीआईजी प्रीतिंदर सिंह, डीएम आईपी पांडेय, एसएसपी आशीष तिवारी ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
भारत माता के लगे नारे
सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पार्थिक शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। दोपहर को जैसे ही गाड़ियों का एक काफिला गांव में पहुंचा, तो चारों ओर भारत माता जयघोष गूंजने लगे। हाथों में तिरंगा पकड़ युवा काफिले के आगे आगे इंस्पेक्टर के घर तक पहुंचे। इंस्पेक्टर सुबोध के शव को देखते ही फिजा में शोक और करुण क्रंदन गूंजने लगा। सुबोध की पत्नी रजनी शव को लिपट लिपट कर बिखलने लगीं। दोनों बेटों की आंखों से आंसुओं की धार थम नहीं रही थी। हर कोई नम आंखों से अपने लाल की बहादुरी के चर्चे करते हुए उन पर गर्व कर रहा था। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में महिला पुरुष की भीड़ उमड़ पड़ी।
इस दौरान पुलिसकर्मियों ने पहले सुबोध को राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। इंस्पेक्टर के बड़े बेटे श्रेय ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान जिलाधिकारी आईपी पांडेय, एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी क्राइम ओपी सिंह, सीओ अलीगंज अजय भदौरिया, सीओ सिटी वरुण कुमार, सीओ सदर गुरमीत सिंह, फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत, अलीगंज विधायक सत्यपाल सिंह राठौर समेत तमाम प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे।
बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के महाव गांव में सोमवार को गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई। घटना में एक युवक भी मारा गया। उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी थी। थाना जैथरा क्षेत्र के गांव तरिगंवा निवासी सुबोध राठौर के पिता रामप्रताप भी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। वर्ष 1994 में उनके पिता का बीमारी से निधन हो गया था। इसके बाद अनुकंपा के आधार पर सुबोध को पुलिस में नौकरी मिल गई।
सुबोध कुमार की पहचान तेजतर्रार दरोगा के रूप में है। वो जहां भी तैनात रहे, अपराधियों के खिलाफ उनका सख्त रवैया रहा। हाल ही में उनका ट्रांसफर बुलंदशहर के स्याना कोतवाली में हुआ था। उनकी मौत से गांव व आसपास क्षेत्रों में शोक की लहर है। चाचा रामरक्षपाल सिंह ने बताया कि सुबोध बहुत बहादुर थे। उन्होंने कई बार मौत को मात दी थी। बदमाशों से सामना हुआ। अभी भी उनके गर्दन में एक गोली फंसी थी, जो एक हमले में लगी थी। लेकिन बुलंदशहर में भीड़ हिंसा में उनकी जान ले ली गई।