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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान भाजपा सरकार के धोखे का शिकार हुए हैं। एक वर्ष के भीतर लागत में भारी बढ़ोतरी होने के बावजूद गन्ने के समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं होने से किसान नाराज हैं। किसानों का यह आक्रोश सन 2019 में भाजपा के खिलाफ विस्फोट का रूप ले लेगा। इसमें भाजपा नहीं बच पायेगी।

अखिलेश यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सिंचाई के लिए डीजल में 28 प्रतिशत, बिजली दरों में 30 प्रतिशत, कीटनाशकों के मूल्य में 30 प्रतिशत, डीएपी में 10 प्रतिशत एवं मजदूरी में 10 प्रतिशत तक वृद्धि होने से गन्ने के लागत मूल्य में 15-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भाजपा सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए गन्ने के राज्य परामर्शी मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की है। गन्ना शोध केन्द्र शाहजहांपुर के अनुसार गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष गन्ने के लागत मूल्य में 8 रुपया प्रति कुंतल वृद्धि हुई है। जिससे लागत मूल्य 297 रुपया प्रति कुंतल हो गया है। भाजपा की गलत नीतियों के चलते 50 लाख गन्ना किसानों को करोड़ों रुपये की क्षति उठानी पड़ी है।

भाजपा सरकार ने दिखावे और किसानों को बहकाने के लिए 44 चीनी मिलों को 2619 करोड़ रुपये के साफ्ट लोन का भुगतान किया है। किसानों को इससे कोई फायदा पहुंचने वाला नहीं है। सच तो यही है कि भाजपा को किसानों की नहीं चीनी मिल मालिकों के हितों की चिंता है। उसकी नीतियां ही पूंजी घरानों की पक्षपाती हैं। चीनी मिलों ने राज्य सरकार के निर्देशों को बार-बार ठेंगा दिखाया है फिर भी भाजपा सरकार उन्हीं के मान-मनौव्वल पर तुली है।

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