अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर पर फैसला 11 दिसंबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों द्वारा लिया जाएगा। यह कहना है अयोध्या में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा में शामिल होने आए एक धार्मिक नेता का। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्हें एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है, जिनसे शुक्रवार को उनकी मुलाकात हुई थी। हालांकि उन्होंने मंत्री का नाम नहीं बताया। मंत्री के हवाले से उन्होंने बताया, 'मुझे आशा है मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून आएगा। सरकार हमारी भावनाओं का आदर करेगी, यह सरकार के वरिष्ठतम मंत्री ने मुझसे कहा है। उन्होंने मुझसे धैर्य रखने को कहा है।'
चित्रकूट के स्वामी रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से उन्होंने आश्वासन दिया गया है कि कार्रवाई होगी। अपने संबोधन में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, 'उन्होंने मुझे आशवसन दिया है कि संसद में मंदिर निर्माण के लिए कानून लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। हम चाहते हैं सभी सांसद एकजुट हों।'
विश्व हिंदू परिषद के इस कार्यक्रम में करीब 50000 लोगों ने शिरकत की। इससे पहले अयोध्या में वीएचपी की धर्म सभा मंदिर बनाने की मांग के साथ खत्म हुई। लेकिन वीएचपी उद्धव ठाकरे की तरह सरकार पर ना तो आक्रामक थी और ना ही उसने उद्धव की तरह सरकार से मंदिर बनाने की तारीख पूछी। वीएचपी ने मंदिर को लेकर अपनी कोई रणनीति भी नहीं घोषित की।
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने पीएम मोदी से जल्दी मंदिर बनवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि, 'मोदी जी को चाहिए कि जनभावनाओं को देखते हुए जल्द से जल्द श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जाय।' संतों ने जनता को ये भी बताया कि कुछ लोग बरगला रहे हैं कि अच्छे दिन नहीं आए, लेकिन असलियत ये है कि अच्छे दिन आ गए हैं।
स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा, 'मैं कह सकता हूं दावे के साथ कि अच्छे दिन आए हैं। एक बात जान लो कि केंद्र में अगर कोई और सरकार होती और प्रांत में कोई और सरकार होती तो हम सब यहां होते? आप यहां होते? हम सब जेल में होते।' आरएसएस के पदाधिकारयों ने भी जल्दी मंदिर बनाने का वादा किया. सह कार्यवाहक कृष्ण गोपाल ने कहा, 'मंदिर के निर्माण होने तक न चैन से बैठेंगे न चैन से बैठने देंगे।