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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने में लगातार बैंकों पर उठ रही ऊंगली के बीच खबर आ रही है कि वित्त मंत्रालय ने देशभर के बैंकों के करीब 500 शाखाओं का स्टिंग ऑपरेशन करवाया है। ताकि वहां हो रही गड़बडि़यों का खुलासा हो सके। सरकार के पास इस स्टिंग की करीब 400 सीडी पहुंच गई है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने जिन बैंकों का स्टिंग करवाया है उसमें निजी और सरकारी दोनों बैंक की शाखाएं हैं। सरकार की ओर से स्टिंग का फैसला नोटबंदी के बाद लगतार पकड़े जा रहे नए नोटों के बाद लिया गया है। इन सीडी में बैंकों में पुलिस-दलाल और प्रभावशाली लोगों कैसे धन बदला जा रहा है इसके सुबूत रिकार्ड किए गए हैं। इनमें महानगरों के साथ-साथ कुछ छोटे शहरों की निजी और सरकारी बैंकें शामिल हैं। हाल ही में गुजरात के डीसा में हुई रैली में पीएम मोदी ने बैंकों में गड़बड़ी करने वालों को चेताया था। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि बैंकों में की जा रही धंधली पर सरकार की नजर है। रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि इन्हें लग रहा है कि पिछले दरवाजे से गड़बड़ी कर लेंगे, लेकिन इन्हें पता नहीं कि मोदी ने पिछले दरवाजे पर भी कैमरे लगाए हुए हैं। पीएम ने डीसा रैली में बैक कर्मियों को चेताते हुए कहा था कि गडबड़ी करने वाले बैंककर्मी सरकार की नजरों से नहीं बच सकते हैं।

मुंबई: साइरस मिस्त्री को शेयरधारकों के मतदान के बाद सोमवार को टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद से हटा दिया गया। टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद यह पहला मौका है जब उन्हें निदेशक मंडल से हटाया गया। टाटा इंडस्ट्रीज ने कहा कि निदेशक पद से हटाये जाने के बाद वह कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहे। बयान के अनुसार, टाटा इंडस्ट्रीज की 12 दिसंबर 2016 को हुई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कंपनी के निदेशक मंडल से साइरस मिस्त्री को हटा दिया गया। इसीलिए वह कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहे। मिस्त्री को नमक से लेकर साफ्टवेयर तक बनाने वाली 103 अरब डालर की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन पद से इस वर्ष 24 अक्तूबर को हटा दिया गया। उसके बाद से अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे से प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों से मिस्त्री को हटाने के लिये कदम उठाया है। पूरे दिसंबर में टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों की ईजीएम प्रस्तावित है जिसमें मिस्त्री को संबंधित कंपनियों के निदेशक मंडल से हटाने के टाटा संस के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। ईजीएम के बाद टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में केआरएस जामवाल, आर भींगे, इरेना विट्ठल, आशीष धवन, एन श्रीनाथ और एफ एन सुबेदार शामिल हैं। टाटा इंडस्ट्रीज टाटा संस की अनुषंगी कंपनी है।

नई दिल्ली: प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच रविवार को कोई चर्चा नहीं होने के कारण अब इस नई कर प्रणाली के अगले साल एक अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना एक तरह से मुश्किल दिख रही है। जीएसटी परिषद की छठवीं बैठक में जीएसटी करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला किया जाना था लेकिन दो दिन की यह बैठक आज एक दिन में ही खत्म कर दी गई और इसमें नियंत्रण पर अधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। आज का दिन प्रस्तावित जीएसटी विधेयकों के अनुच्छेदवार चर्चा में निकल गया। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने यद्यपि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एक अप्रैल 2017 से लागू करन के लक्ष्य के बारे में साफ साफ कुछ नहीं कहा पर केरल व तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अब यह समयसीमा संभव नहीं दिखती। अब जीएसटी को सितंबर 2017 से लागू किए जाने की संभावना है। जेटली ने कहा, ‘विधेयक के मसौदे में लगभग 195 अनुच्छेद हैं। इसलिए यह पूरे कानून का केंद्रीय विधेयक है। हमने 99 अनुच्छेदो पर चर्चा की और अभी कुछेक धाराओं को फिर से लिखने की जरूरत है। आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लेंगे। उम्मीद है कि अगले बैठक में विधेयक से सम्बधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाएगी।’

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह ने निदेशक मंडल में मचे घमासान के बीच समूह की धारक कंपनी टाटा संस ने आज आरोप लगाया कि साइरस मिस्त्री ने चेयरमन बनने के लिए चयन समिति को ‘उंचे उंचे वादों से भ्रमित’ किया तथा अपने अधिकारों का इस्तेमाल प्रबंधन ढांचे को कमजोर करने के लिए किया। समूह ने आज शेयरधारकों के नाम अपील में ‘कुछ महत्वपूर्ण तथ्य’ प्रस्तुत किए हैं जिनके कारण टाटा संस का मिस्त्री में ‘भरोसा टूटा’ और उन्हें समूह की इस धारक कंपनी के चेयरमैन पद से हटाया गया। यह अपील समूह की प्रमुख कारोबारी कंपनियों की निदेशक मंडलों की इसी महीने होने वाली बैठकों के कुछ दिन पहले जारी की गई है। इन बैठकों में मिस्त्री को उनके निदेशक पद से हटाए जाने के प्रस्ताव पर फैसला होना है। टाटा संस ने कहा है कि 2011 में रतन टाटा के उत्तराधिकारी के चयन के लिए बनी समिति को मिस्त्री ने ‘भ्रमित’ किया। उन्होंने उस समय टाटा समूह के बारे में ‘उंची उंची योजनाएं पेश की थीं और इससे बढ़कर कहा था कि वे समूह को विस्तृत प्रबंधकीय ढांचा प्रस्तुत करेंगे क्योंकि इसका कारोबार विविधतापूर्ण है।’ उन्होंने एक ऐसे प्रबंधन ढांचे की योजना दिखाई थी जिसमें अधिकारों व दायित्व विकेंद्रीकरण होगा। आज जारी अपील में कहा गया है,‘ मिस्त्री के इन बयानों व प्रतिबद्धताओं ने मिस्त्री को चेयरमैन पद के लिए चुनने के फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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