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नई दिल्‍ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को देशवासियों को तीन महीने का एक और मौका दिया। जिसमें वे अपने काले धन को उजागर कर 'दाग' से छुटकारा पा सकते हैं। राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 31 मार्च, 2017 तक कोई भी अपने गैरकानूनी धन की घोषणा कर सकता है, और 50 फीसदी कर के रूप में देकर शेष धनराशि को जायज़ बना सकता है। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी भी दी कि बैंकों में जमा कराई गई सारी रकम निगरानी में है, और खासतौर से वे बैंक खाते, जिनमें बार-बार रकमें जमा की गईं। उन्होंने साफ किया, "बैंकों में जमा कराया गया सारा धन कानूनी नहीं है, जब तक कानून के मुताबिक कर अदा न कर दिया जाए। सो ऐसा न सोचिए कि आपका काला धन बैंक में जमा हो गया, इसलिए जायज़ हो गया। जांच होगी।" सरकार ने इसके अलावा लोगों से यह आग्रह भी किया है कि वे काले धन से जुड़ी कोई भी सूचना सरकार को ई-मेल के ज़रिये भेज सकते हैं। हंसमुख अधिया ने बताया, "हमने काले धन की जानकारी सीधे भेजने के लिए खास ईमेल एड्रेस बनाया है, जो है This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए जाने के बाद उन्हें बैंक खातों में जमा कराने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है। लेकिन राजस्व सचिव के मुताबिक नई योजना के तहत अपने काले धन की घोषणा कर सकते हैं।

मुंबई: बैंकिंग चैनल का दुरुपयोग कर अपना बेहिसाबी धन जमा कराने वाले लोगों पर शिकंजा कसते हुए रिजर्व बैंक ने गुरुवार को ऐसे बैंक खातों से निकासी पर अंकुश लगा दिया, जिनमें पांच लाख रुपये से अधिक की राशि जमा है और इन खातों में दो लाख रुपये से अधिक राशि 9 नवंबर के बाद जमा की गई। रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे खातों से निकासी या धन का स्थानांतरण पैन नंबर दिए बिना या फॉर्म 60 (जिन लोगों का पैन नंबर नहीं है) दिए बिना नहीं की जा सकेगी। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि यदि किसी छोटे खाते में अनुमति योग्य सालाना एक लाख रुपये की जमा की सीमा भी दिखेगी, तो मासिक 10,000 रुपये की निकासी की सीमा को कायम रखा जाएगा। केंद्रीय बैंक के संज्ञान में यह बात आई है कि कुछेक मामलों में 'अपने ग्राहक को जानो' (केवाईसी) प्रावधानों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया।

 

नई दिल्ली: टाटा समूह की कुछ कंपनियों में एक स्वतंत्र निदेशक एवं उद्योगपति नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा, टाटा सन्स एवं उसके निदेशकों के खिलाफ 3000 करोड़ रपए की मानहानि का मामला दर्ज कराया है। वाडिया के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि यह मामला बंबई उच्च न्यायालय में दर्ज कराया गया। टाटा सन्स ने टाटा मोर्ट्स, टाटा स्टील एवं टाटा केमिकल्स समेत टाटा समूह की फर्मों में स्वतंत्र निदेशक वाडिया पर अपने हित साधने का आरोप लगाते हुए उन्हें निदेशक मंडल से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिस पर कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों को मतदान करना है। इससे पहले भी वाडिया ने टाटा सन्स बोर्ड को मानहानि नोटिस देकर कहा था कि वह उनके खिलाफ लगाए गए ‘झूठे अपमानसूचक एवं अपमानजनक’ आरोप वापस ले।

 

कोलकाता: बड़े मूल्य के नोटों का चलन बंद करने के निर्णय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) की ओर से विरोध के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने आज यहां राज्य सरकार के सचिवालय भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात में ममता ने पटेल को नोटबंदी से आम लोगों की परेशानी तथा इसके प्रबंध में ‘राज्यों के बीच राजनीतिक भेदभाव’ को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। बैठक के बाद पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुलाकात अच्छी रही।’ इससे पहले पटेल ने आज यहां केंद्रीय बैंक के कार्यालय पर आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक में भाग लिया। इस दौरान ममता की पार्टी टीएमसी के और विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी :माकपा: के कार्यकर्ताओं ने वहां आरबीआई के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। ममता से जब इस मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं (पटेल के साथ) मुलाकात से संतुष्ट हूं।.. मैंने इसमें देश के आम लोगों को हो रही भारी असुविधा का मामला उठाया..प्रधानमंत्री, संसद कोई उपलब्ध नहीं है। कोई जवाब नहीं दे रहा है। वह (पटेल) सीधी बात करने वाले व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आरबीआई एक बड़ी संस्था है। हम उसका सम्मान करते हैं। इसका राजनीतिक दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। ममता ने आरबीआई गवर्नर पटेल को संबोधित एक पत्र भी दिया जिसमें कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक एक स्वायत्त निकाय है। इसका एक महान इतिहास है। यह देश में बैंक नोट जारी करता है। इसके गवर्नर के रूप में हम आपस उम्मीद करते हैं कि आप संकट की इस घड़ी में चुप हो जाने और अस्पष्ट होने की बजाए देश की जनता पर नोटबंदी के इस हमले के खिलाफ खड़े होगें।’

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