ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: क्रूड की कीमतों में उछाल का असर घरेलू बाजार में दिखाई दे रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी इजाफा हुआ। इससे पहले शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 14 पैसे और डीजल में 16 से पैसे की तेजी दर्ज की गई। शनिवार को पेट्रोल के रेट में 13 पैसे और डीजल में 10 पैसे की बढ़ोतरी हुई। लगातार दूसरे दिन कीमत बढ़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल 75.98 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया। राजधानी में शनिवार को डीजल 67.76 रुपये प्रति लीटर रहा।

जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में और तेजी आ सकती है। दरअसल, तेल कंपनियों के मुनाफे पर लगातार बढ़ते बोझ ने कीमतों में इजाफा करने को मजबूर किया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी से तेल कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है। ईरान पर अमेरिका की तरफ से प्रतिबंध लगाने के बाद मार्केट में ऑयल सप्लाई में कमी आने की आशंका है। इस कारण क्रूड की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल कीमतों में एक महीने से अधिक समय बाद बढ़ोतरी की गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के बढ़ते दाम तथा रुपये में कमजोरी से ईंधन के दाम बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल की कीमत में जहां 16 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल में 12 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोतरी ऐसे समय हुई है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने ओपेक के 10 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाने के बाद करीब आठ दिन तक मूल्यों में संशोधन रोका हुआ था।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 75.55 रुपये प्रति लीटर से 75.71 रुपये प्रति लीटर और डीजल 67.38 रुपये से 67.50 रुपये प्रति लीटर हो गई है। सार्वजनिक क्षेत्रों की तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों इंडियन आयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने 26 जून से पेट्रोल , डीजल कीमतों में संशोधन नहीं किया है। इंडियन आयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा, ''हमने ओपेक के फैसले के मद्देनजर पिछले कुछ से दिन से कीमतों में संशोधन नहीं किया है। हालांकि, जुलाई से 10 लाख बैरल प्रतिदिन के उत्पादन बढ़ाने के फैसले का लाभ ईरान मुद्दे की वजह से खत्म हो गया है।

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आज 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है। सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जबकि कृषि उपजों के दाम गिरने से किसान परेशान हैं और आम चुनाव एक साल के अंदर होने वाले हैं। भाजपा ने 2014 में किसानों से साथ चुनावी वादा किया था कि वह किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलाएगी। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने इस साल पहली फरवरी को पेश किए गए अपने आखिरी पूर्ण बजट में इस वायदे को पूरा करने की घोषणा की।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने आज 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के प्रस्तावों को स्वीकृत किया। सूत्रों के अनुसार, धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल और धान (ग्रेड ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 160 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल कर किया गया है। इसी तरह कपास (मध्यम आकार का रेशा) का एमएसपी 4,020 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल और कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 4,320 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर कर दिया गया।

नई दिल्ली: छोटे व्यापारियों के देश भर में विरोध प्रदर्शन के बीच अमेरिकी खुदरा कंपनी वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट को खरीदने के अपने फैसले का बचाव करते हुए आज कहा कि यह सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के अनुरूप ही है। कंपनी के बयान में कहा गया है कि इस अधिग्रहण से भारत में विनिर्माण को बल मिलेगा। कंपनी अपने बाजार माडल के जरिए स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को ग्राहकों तक पहुंचाएगी। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ आज देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया।

कैट ने सरकार से इस सौदे को रद्द करने तथा देश के ईकामर्स बाजार की निगरानी व नियमन के लिए नियामकीय इकाई बनाने की मांग की है। वालमार्ट के बयान में कहा गया है कि वह फ्लिपकार्ट के साथ भागीदारी से देश के एसएमई आपूर्तिकर्ताओं, किसानों को अपना माल बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी। तथा देश में स्थानीय विनिर्माण को बल मिलेगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख