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नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने साइरस मिस्त्री की याचिका खारिज कर दी है। मिस्त्री ने खुद को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के आदेश को चुनौती देते हुए एनसीएलटी में याचिका दाखिल की थी। एनसीएलटी ने कहा कि साइरस मिस्त्री को इसलिए हटाया गया था क्योंकि टाटा संस के निदेशक मंडल और उसके सदस्यों का मिस्त्री पर से भरोसा उठ गया था।

मिस्त्री को 24 अक्टूबर 2016 को पद से हटाकर उनके पूर्ववर्ती तथा समूह के मानद अध्यक्ष रतन टाटा को अस्थायी तौर पर कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसके बाद मिस्त्री और टाटा समूह के बीच लंबी कॉपोर्रेट जंग छिड़ गयी थी । दोनों समूहों ने मीडिया में एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये और अंतत: दिसंबर में मिस्त्री ने समूह की सभी कंपनियों के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया। हटाये जाने से पहले वह चार साल तक टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर रहे।

नई दिल्ली: मुकेश अंबानी पांच साल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बने रहेंगे। कंपनी के शेयरधारकों ने मुकेश अंबानी का कार्यकाल पांच साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगा दी है। इस प्रस्ताव पर मुकेश अंबानी के पक्ष में 98 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त हुए। आपको बता दें कि मुकेश अंबानी 1977 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल हैं। जुलाई 2002 में रिलायंस समूह के संस्थापक और उनके पिता धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद उन्होंने कंपनी की कमान संभाली थी और चेयरमैन बनाए गए थे।

कंपनी की मुंबई में हुई 41वीं वार्षिक आम बैठक में उनके मौजूदा कार्यकाल को और पांच साल तक बढ़ा दिया गया। मुकेश अंबानी का मौजूद कार्यकाल अप्रैल 2019 में समाप्त हो रहा था। कंपनी के द्वारा शेयर बाजार को भेजी गई जानकारी के मुताबिक मुकेश अंबानी का कार्यकाल पांच साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर कुल पड़े वोटों में से 98.5 प्रतिशत मत प्रस्ताव के समर्थन में पड़े। प्रस्ताव के अनुसार, अंबानी को सालाना 4.17 करोड़ रुपये का वेतन तथा 59 लाख रुपये के भत्ते दिए जाएंगे। इसमें सेवानिवृत्ति लाभ शामिल नहीं है।

नई दिल्ली: कर्मचारियों का पैसा हड़पने वाली कंपनियों की अब खैर नहीं। पीएफ का पैसा हड़पने वाली 272 कंपनियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि कंपनियों को कर्मचारियों का पैसा हर हाल में जमा करवाना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन कंपनियों पर 19 करोड़ 48 लाख 97 हजार रुपये बकाया है। अगर पैसे जमा नहीं हुए तो विभाग कार्रवाई करते हुए कंपनी के मालिक, पार्टनर और निदेशक की चल, अचल संपत्ति जब्त करके पैसे की भरपाई करेगा।

इस बाबत सहायक भविष्य निधि आयुक्त एवं वसूली अधिकारी राजू ने बताया कि पिछले दिनों एक कंपनी पर साल 2006 से 16 तक कर्मचारियों के पीएफ के करीब 23 लाख रुपये न देने के कारण उसके मालिक बलजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया था। अब दोबारा उस कंपनी को पीएफ जमा न करने के लिए नोटिस जारी किया है। इस कंपनी को अब करीब 10 लाख रुपये का नोटिस दिया गया है।

नई दिल्ली: सीबीआई ने वडोदरा के डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) द्वारा 2,654 करोड़ रुपये के कथित कर्ज धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ इंडिया के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। पूर्व जीएम वीवी अग्निहोत्री और पूर्व डीजीएम पीके श्रीवास्तव पर कर्ज सीमा प्रदान करने में कथित रूप से कंपनी का पक्ष लेने का आरोप है। सीबीआई ने बताया कि दोनों को शनिवार को अहमदाबाद में विशेष अदालत के समक्ष उन्हें पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि कंपनी के प्रवर्तकों को इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने प्राथमिकी में कहा था कि बिजली के तार और उपकरण बनाने वाली डीपीआईएल के प्रवर्तक सुरेश नारायण भटनागर और उनके दो बेटे अमित और सुमित हैं जो कि कंपनी के निदेशक भी हैं। कर्ज को 2016-17 में गैर निष्पादित संपत्ति घोषित कर दी गई।

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