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नई दिल्ली: एयर इंडिया के इकट्ठे खरीददार नहीं मिलने के बाद अब सरकार उसके कुछ हिस्सों को बेचने का मन बना रही है। प्रथम चरण में सरकार ने एयर इंडिया के मुंबई स्थित एक प्रमुख भवन को जवाहरलाल पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) को बेचने के लिए विचार-विमर्श शुरू किया है। सूत्रों ने बताया कि नकदी संकट से जूझ रही सार्वजनिक विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए धन जुटाने के प्रयासों के तहत इस बारे में सोचा जा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आशय के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। लिहाजा अब एयर इंडिया के कुछ भागों को बेचकर पैसे जुटाए जाएंगे। इसके बाद औपचारिकताएं तय करने के लिए एक अंतर मंत्रालीय समूह गठित किया गया है। देश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई शहर में चर्चित नरीमन पॉइंट में एयर इंडिया का 23 मंजिल का भवन है। यह किसी समय एयर इंडिया का मुख्यालय हुआ करता था। शहर के एक प्रमुख स्थल पर होने के कारण इस संपत्ति की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने यह नई पहल ऐसे समय में की है जबकि एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश की उसकी योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।

नई दिल्ली: जीएसटी जांच विंग ने दो महीने में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि डेटा विश्लेषण से पता चलता है 1.11 करोड़ से अधिक पंजीकृत व्यवसायों में से केवल 1 प्रतिशत करों का बड़ा हिस्सा चुकाते हैं. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य जॉन जोसेफ ने कहा छोटे व्यवसायी जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय गलतियां करते हैं, तो बात समझ में आती है कि वे उतने प्रबुद्ध नहीं हैं लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियां और बड़ी निगमें भी वही गल्तियां करती है। यदि आप टैक्स राजस्व का भुगतान की ओर नजर डाले तो आपको एक खतरनाक तस्वीर दिखाई देगी।

जॉन जोसेफ ने कहा, हमारे पास 1 करोड़ से अधिक व्यवसायों का पंजीकरण है लेकिन 1 लाख से कम लोग कर का 80 प्रतिशत भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि सिस्टम में क्या हो रहा है। जोसेफ, जो गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (डीजी जीएसटीआई) के महानिदेशक भी हैं, ने कहा कि डीलरों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनमें से अधिकतर का वार्षिक कारोबार 5 लाख रुपये है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में कुल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) या बुरे ऋण का अनुपात मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक मार्च 2018 के 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो सकता है। एनपीए के कारण त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारूप (पीसीए) के तहत रखे गए सरकारी स्वामित्व वाले 11 बैंकों का जिक्र करते हुए आरबीआई ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह भी कहा है कि इनके जीएनपी अनुपात बुरे स्तर पर पहुंच कर मार्च 2018 के 21 प्रतिशत से मौजूदा वित्त वर्ष के अंततक 22.3 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'बड़े तनाव के परीक्षण से संकेत मिलता है कि मौजूदा मैक्रो इकोनॉमिक परिदृश्य की बेसलाइन स्थिति के तहत एससीबी (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) का जीएनपीए अनुपात मार्च 2018 के 11.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2019 में 12.2 प्रतिशत हो सकता है।' आरबीआई ने कहा है कि इन 11 बैंकों में से 6 को 9 प्रतिशत की आवश्यक न्यूनतम जोखिम-समाधान परिसंपत्ति अनुपात की तुलना में पूंजी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

पटना: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों की वजह से तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने कच्चा तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके कारण अगले महीने से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी आएगी। प्रधान ने कहा कि बाजार में अभी भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नरमी है। पिछले एक महीने में पेट्रोल 2.5 रुपये और डीजल 2 रुपये सस्ता हुआ है। एक जुलाई के बाद अनुमान है कि कीमतें और कम होगी और इससे लोगों को राहत मिलेगी।

प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओपेक में तार्किक ढंग से अपनी बात रखी थी और उनकी बात का असर भी हुआ है। ओपेक ने करीब डेढ़ साल बाद दस लाख बैरल उत्पादन आपूर्ति करने का निर्णय किया है। यह नया तेल एक जुलाई से यह बाजार में आना शुरू होगा। अनुमान है कि इससे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी आएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ओपेक में कहा था कि भारत आने वाले 20-25 साल ऊर्जा का बाजार है। अगर भारत के साथ ओपेक को लंबे समय तक व्यवसायिक संपर्क अच्छा रखना है तो उसे भारतीय ग्राहकों के हितों का भी ध्यान रखना पड़ेगा।

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