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नई दिल्ली: सब्सिडीयुक्त एलपीजी गैस के सिलेंडर की कीमत में शनिवार को 2.71 की वृद्धि हो गई। यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय दरों में उछाल और रुपया में गिरावट के कारण आधार मूल्य बढ़ने के कर प्रभाव के परिणाम स्वरूप हुई है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस वृद्धि के बाद सब्सिडी वाली एलपीजी सिलेंडर की कीमत शनिवार आधी रात से दिल्ली में 493.55 रुपये हो गई। तेल कंपनियां प्रत्येक महीने की पहली तारीख को एलपीजी के मूल्य में संशोधन करती हैं। यह संशोधन पिछले महीने के औसत बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा दर के आधार पर किया जाता है।

बयान में कहा गया, यह वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू गैर-सब्सिडीकृत एलपीजी की संशोधित कीमत पर जीएसटी के कारण हुई है। उच्चतर वैश्विक दरों के कारण दिल्ली में गैर-सब्सिडीकृत एलपीजी का हरेक सिलेंडर 55.50 रुपये महंगा हो जाएगा। ग्राहक को शेष 52.79 रुपये (55.50 रुपये से 2.71 रुपये घटाए जाने के बाद बची राशि) उसके बैंक खाते में जाने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी करके दिए जा रहे हैं।

नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गुरुवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे अर्थव्यवस्था पर असर के साथ महंगाई बढ़ने से आपकी जेब पर असर होगा। कच्चे तेल के बढ़ते दामों और अमेरिका द्वारा छेड़े गए व्यापार युद्ध से रुपया सुबह 49 पैसे लुढ़ककर रिकॉर्ड स्तर 69.10 रुपये पर पहुंच गया। रुपया फिलहाल एशियाई देशों में सबसे खराब प्रदर्शन वाली मुद्रा हो गई है।

महीने के आखिरी दिनों में आयातकों विशेषकर तेल रिफाइनरी एवं बैंकों से अमेरिकी डॉलर की लगातार मांग से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रही, जिससे रुपया गिरता चला गया। हालांकि रुपया शाम को थोड़ा सुधरकर 34 पैसे नीचे 68.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया बुधवार के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले गिरकर 68.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मुद्रा डीलरों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और रुपये में गिरावट से भारत दोहरी मार झेल रहा है। रुपये का इससे पहले सबसे निचला स्तर चार नवंबर 2016 को था, तब वह 68.87 रुपये तक टूटा था।

नई दिल्ली: इनकम टैक्स से बचने के लिए लोग कई तरह का जुगाड़ लगाते हैं। इसी जुगाड़ के सहारे एनआरआई टैक्स चोरी की फिराक में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से सैकड़ों एनआरआईज को समन भेजे गए हैं। नोटिस में इन एनआरआईज को कहा गया है कि वे अपनी आय और एसेट्स की जानकारी दें। इन्हीं एनआरआईज ने भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए जुगाड़ लगा लिया है। जुगाड़ के तहत ये लोग अपने पासपोर्ट में दर्ज भारतीय पते को बदलकर उसकी जगह वह पता दर्ज करा रहे हैं, जहां वह विदेश में रह रहे हैं।

इंटरनेशनल टैक्स लेजिस्लेशंस में बदलावों के अनुसार, दुनियाभर के फाइनेंशियल संस्थानों को कस्टमर्स के टैक्स रेजिडेंस के मुताबिक उनकी अकाउंट इंफॉर्मेशन लोकल टैक्स अथॉरिटीज को देनी होती है, जहां फाइनेंशियल अकाउंट्स हों। एनआरआई के मामले में टैक्स रेजिडेंस प्राय: उस देश में होता है, जहां वह रह रहा हो या काम कर रहा हो या जहां उस पर टैक्स रिटर्न फाइल करने की जिम्मेदारी हो या जहां उस पर इनकम टैक्स लगता हो। इसी का फायदा वे एनआरआई उठा रहे हैं जोकि भारतीय एजेंसियों के राडार पर हैं।

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत-चीन सहित सभी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने का फरमान जारी किया है। इस तारीख के बाद भी वहां से तेल मंगाने वाले वाले देशों के खिलाफ उसने आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। उसने कहा है कि इस मामले में ‘रत्ती भर भी ' ढील नहीं बरती जायेगी। भारत में इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे ज्यादा कच्चा तेल ईरान से मंगाया जाता है। 2017-18 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में ईरान से 1.84 टन तेल आयात किया गया था।

पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु समझौते से हटने की घोषणा की थी। साथ ही, अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लगाने का ऐलान किया था, जो समझौता होने के बाद हटा लिये गये थे। उस समय ट्रंप प्रशासन ने विदेशी कंपनियों को उनकी वाणिज्यिक गतिविधियों के हिसाब से ईरानी कंपनियों के साथ कारोबार बंद करने के लिए 90 से 180 दिन का समय दिया था। अब अमेरिका भारत और चीन सहित सभी देशों पर ईरान से कच्चे तेल की खरीद पूरी तरह बंद करने के लिए दबाव बना रहा है।

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