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ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में पिछले पांच दिनों से जारी बारिश के बीच भूस्खलन की घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है। इस दुखद हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि भारी बारिश के चलते अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण लोगों की जान चली गई। मेरे विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायल जल्दी ठीक हो इसकी कामना है। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि पापुम पारे जिले में गुरुवार की देर रात भूस्खलन की घटना में आठ महीने की बच्ची समेत एक परिवार के चार सदस्य जिंदा दब गए। पापुम पारे के उपायुक्त पीगे लीगू ने बताया कि भूस्खलन की घटना गुरुवार और शुक्रवार की रात करीब दो बजकर 30 मिनट पर हुई और मकान तथा इसमें सो रहे सभी लोग इसमें दब गए। पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से शवों को मलबे से बाहर निकाला गया। लीगू ने बताया कि मृतकों की पहचान टाना मार्टिन (22) और उसकी पत्नी याबुंग लिंदुम और बेटी टाना यासुम और मार्टिन के भाई टाना जॉन के रूप में हुई है।

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के एक कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से मांग की है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में मुकदमा किया जाए। उन्होंने इसे जैविक युद्ध बताते हुए कहा है कि 22 अरब डॉलर (करीब16,5550 करोड़ रुपये) हर्जाने की मांग की जाए। अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनोंग इरिंग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को खत लिखा है।

इसमें उन्होंने कहा है कि भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) जैसे अंतरराष्ट्रीय फोरम पर इस मुद्दे को उठाना चाहिए। इस जैविक युद्ध के लिए चीन से 22 अरब डॉरल हर्जाने की मांग की जाए। उन्होंने खत में आगे कहा है कि भारत को इस मुद्दे पर दूसरे देशों को भी साथ लेना चाहिए और वुहान में कोरोना वायरस की अंतरराष्ट्रीय जांच होनी चाहिए।

ईटानगर: दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम) में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाला 31 वर्षीय शख्स कोरोना वायारस से संक्रमित पाया गया है। यह व्यक्ति प्रदेश के लोहित जिले में मिला है। अरुणाचाल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव पी. प्रथिबन ने बताया कि जिले के मेडो इलाके के निवासी के नमूने जांच के लिए असस के डिब्रूगढ़ स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट में उसके वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

उन्होंने बताया कि इस शख्स ने निजामुद्दीन में आयोजित हुए कार्यक्रम में 13 मार्च को शिरकत की थी। वह 16 मार्च को निजामुद्दीन से रवाना हुआ था और 24 मार्च से घर में ही अलग रखा गया था। इस व्यक्ति में 16 दिन बाद भी कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आये थे। प्रथिबन ने बताया कि जिला स्वारस्थ्य अधिकारियों ने उसे तेजू ज़ोनल अस्पताल के एक विशेष पृथक वार्ड में रखा है। उसके परिवार के सभी सदस्य पृथक केन्द्र में हैं। उसके परिवार के सदस्यों के नमूनों को भी जांच के लिए भेज दिया गया है।

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सीमा के मुद्दे पर भारत एवं चीन की अवधारणा में अंतर के बावजूद दोनों देशों की सेना इतनी समझदार हैं कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम कर सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि बुम ला दर्रा के निकट एलएसी पर कोई तनाव नहीं है। राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर बुम ला की अग्रिम चौकी का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने हर तरह के हालात में बहुत परिपक्वता दिखाने के लिए भारतीय सेना को बधाई दी।

उन्होंने कहा, मुझे यहां जवानों से बात करने का मौका मिला। मुझे अपने जवानों से यह जानकर बहुत खुशी हुई कि भारत-चीन की इस सीमा पर, जो कि एलएसी है, हम बहुत समझदारी से काम कर रहे हैं और चीन की पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) भी समझदारी से काम कर रही है। बुम ला दर्रा के निकट इस एलएसी में यहां कोई तनाव नहीं है। रक्षा मंत्री ने परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार जोगिंदर सिंह के स्मारक के भी दर्शन किए। सूबेदार जोगिंदर सिंह ने 1962 के युद्ध के समय अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए बलिदान दिया था।

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