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नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी भोगोलिक क्षेत्र में लापता हुए 17 साल के किशोर मीराम तारौन का चीनी सैनिकों ने पता लगा लिया है। अब उसे भारत वापस लाए जाने की उचित प्रक्रिया का पालन भारतीय सेना के अधिकारी कर रहे हैं।
मीडिया से तेजपुर पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने कहा, "चीनी सेना ने हमें सूचित किया है कि उन्हें अरुणाचल प्रदेश से लापता लड़का मिल गया है और उसकी वापसी के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।"
बुधवार को लड़के के लापता होने के बाद भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से मदद मांगी थी। वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे गांव का रहने वाला यह लड़का कथित तौर पर सांगपो नदी पार कर चीनी हिस्से में चला गया था, जिसके बाद चीनी सेना द्वारा कब्जे में ले लिया गया था। सांगपो नदी अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने पर सियांग और असम में प्रवेश करने पर ब्रह्मपुत्र नदी कहलाती है। रक्षा सूत्रों ने बाद में अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए किशोर मीराम तारौन के बारे में चीनी रक्षा अधिकारियों को जानकारी दी थी।
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नई दिल्ली: एनडीटीवी के मुताबिक, नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक और एन्क्लेव बना लिया है, जिसमें कम से कम 60 इमारतें हैं। सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, 2019 में यह एन्क्लेव मौजूद नहीं था। लेकिन एक साल बाद ही यह दिखने लगा। एनडीटीवी ने जनवरी में अरुणाचल प्रदेश के जिस इलाके में कब्ज़ा किए जाने की ख़बर दी थी। जिसकी पुष्टि कुछ ही दिन पहले पेंटागन की रिपोर्ट में भी की गई थी।
नया एन्क्लेव उस इलाके से 93 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। पेंटागन की उस रिपोर्ट पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। कहा था कि "चीन ने सीमाई इलाकों में पिछले कई साल में निर्माण गतिविधियां की हैं, जिनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जिन पर उसने कुछ दशकों में गैरकानूनी तरीके से कब्ज़ा किया है... भारत ने कभी अपने क्षेत्र पर इस तरह के गैरकानूनी कब्ज़े को स्वीकार नहीं किया है, न ही वह चीन के अतार्किक दावों को स्वीकार करता है।" यह दूसरा एन्क्लेव भारत के लगभग छह किलोमीटर भीतर है, और उस इलाके में है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच है।
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लांगडिंग: असम राइफल्स ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती लांगडिंग जिले में उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन नगा उग्रवादियों को मार गिराया। ये तीनों उग्रवादी म्यांमार से भारत में घुसे थे। यह कार्रवाई मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले के दो दिन बाद की गई। ये उग्रवादी लांगडिंग जिले के लहू गांव के दो लोगों को अगवा कर के म्यांमार ले जा रहे थे। मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादी प्रतिबंधित नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड-केवाईए (एनएससीएन-केवाईए) के बताए गए हैं। खुफिया सूचना के आधार पर असम राइफल्स के छह जवानों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। जवानों ने इन्हें रोका तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी ढेर हो गए।
कर्नल त्रिपाठी समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे
मणिपुर में शनिवार को दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट के उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था।
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तवांग: अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। संवेदनशील अग्रिम चौकियों पर एम 777 होवित्जर और स्वीडन की बोफोर्स तोपों के अलावा उन्नत एल 70 एंटी एयरक्राफ्ट तोपों को भी मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है। ये तोपें चीन के लड़ाकू विमानों को चित करने में सक्षम हैं।
एल 70 तोपें पहाड़ी क्षेत्र में 3.5 किलोमीटर दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं। इनकी तैनाती से सेना की जंगी तैयारियों को बल मिलेगा। एलएसी पर पड़ोसी की किसी भी चालाकी से निपटने के लिए सेना की तैयारियां उच्च स्तर पर है। इसके तहत एकीकृत बचाव वाले इलाकों में सेना की चौकियों पर ट्रेनिंग व सैन्य अभ्यास जारी हैं। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक करीब दो तीन महीने पहले से ही एल70 तोपों की तैनाती शुरू कर दी गई थी।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक उन्नत एल 70 तोपों के जरिए दुश्मन के सभी तरह के मानवरहित वाहनों, मानवरहित जंगी विमानों, हेलिकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निशाना बनाया जा सकता है।
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