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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कोरोनावायरस के भारत में बढ़ते प्रकोप के बीच ओडिशा ने देशभर में लगे लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही ओडिशा ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। साथ ही ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से अपील की है कि 30 अप्रैल तक ट्रेन और विमान सेवा शुरू न की जाए। पूरे राज्य में 17 जून तक शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। बता दें, पूरे देश में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन है।

इस बीच पूरे देश में लॉकडाउन को लेकर चर्चा है कि इसकी अवधि बढ़ाई जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की बात कही थी। बीते बुधवार उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेजने की बात कही।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया, 'कोरोना वायरस (कोविड-19) के दृष्टिगत ई-कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

भुवनेश्वर: कोरोना वायरस की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए लॉकडाउन के दौरान ओडिशा के शहरी इलाकों में सड़क किनारे दुकान लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तीन हजार रुपए की आर्थिक सहायता और ग्रामीण क्षेत्र के दस लाख लोगों पका हुआ भोजन मुहैया कराया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को यह घोषणा की। इस घोषणा से एक दिन पहले राज्य सरकारों ने बंद से प्रभावित हुए समाज के कमजोर वर्ग के लिए 2,200 करोड़ की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी।

पटनायक ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राज्य भर में 114 शहरी निकायों के अंतर्गत सड़क किनारे दुकान लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को तीन हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे 65,000 पंजीकृत रेहड़ीवाले लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त बंद के दौरान सभी ग्राम पंचायतों के गरीब से भी ज्यादा गरीब सौ से दो सौ चिन्हित लोगों को प्रतिदिन पका हुआ भोजन दिए जाने की भी घोषणा की गयी। पटनायक ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाएं भोजन पका कर गरीबों में वितरण करने का कार्य करेंगी जिसके बाद लोग भोजन अपने घर ले जा कर खा सकेंगे।

संबलपुर: ओडिशा सरकार कोविड-19 की जांच के लिए संबलपुर में एक अस्पताल में प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रही है ताकि भुवनेश्वर में स्थित राज्य की एकमात्र प्रयोगशाला पर बोझ कम हो सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि राज्य सरकार वीर सुरेन्द्र साई आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (वीआईएमएसएआर) में बॉयोसेफ्टी लेवल्स 2 (बीएसएल 2) प्रयोगशाला स्थापित करने की कार्यप्रणाली पर काम कर रही है। वीआईएमएसएआर अधीक्षक जयश्री डोरा ने बताया कि संस्थान ने इस संबंध में व्यवहार्यता रिपोर्ट सरकार को भेजी है और जल्द ही इस संबंध में फैसला किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अस्पताल के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में प्रयोगशाला स्थापित किए जाने की संभावना है। डोरा ने कहा कि प्रयोगशाला के चालू होते ही हम कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की यहां 'रीकम्बिनेंट टेक्नोलॉजी पोलिमरीज चेन रिएक्शन जांच कर सकेंगे। अभी कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की लार के नमूने भुवनेश्वर के क्षेत्रीय चिकित्सकीय अनुसंधान केंद्र भेजे जाते है।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार देश का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल बनाने जा रही है। अस्पातल में कुल 1000 बेड होंगे और अगले एक पखवाड़े में यह काम करना शुरू कर देगा। ओडिशा सरकार, कॉरपोरेट्स और मेडिकल कॉलेजों के बीच एक 1000 बेड का एक्सक्लूसिव कोविड-19 ट्रीटमेंट हॉस्पिटल स्थापित करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ओडिशा सरकार इस अस्पताल को बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है। ओडिशा देश का पहला राज्य होगा जो विशेष रूप से कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए इतना बड़ा अस्पताल बनाने जा रही है।

ओडिशा में कोरोना वायरस के अभी तक केवल दो मामले सामने आए हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह अस्पताल ओडिशा में किस जगह बनेगा।

इधर असम सरकार ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम में आइसोलेशन सेंटर का निर्माण शुरू कर दिया है। असम के मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने इस दौरान वहां पर उपस्थित हैं। बता दें कि असम में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

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