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भुवनेश्वर: तटीय ओडिशा में कई गांव रविवार को महानदी के बाढ़ के पानी से घिर गए। कटक के पास मुंदाली बैराज से 10 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह होने से यह स्थिति पैदा हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक क्यूसेक जल प्रवाह की इकाई (मात्रा) है। इसका अर्थ है प्रति सेकंड 28.317 लीटर का प्रवाह। इस तरह 10 लाख क्यूसेक का अर्थ हुआ प्रति सेकंड 28,300,000 लीटर पानी का प्रवाह। बाढ़ संबंधित घटनाओं में अब तक 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 10 हजार से अधिक घर बर्बाद हो चुके हैं।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि मुंदाली में सात लाख क्यूसेक (19,821,900 लीटर प्रति सेकंड) के प्रवाह से भी आमतौर पर महानदी की दो सहायक नदियों दया और भार्गवी में बाढ़ आ जाती है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से पुरी जिले में कनासा और डेलांग ब्लॉक के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। साथ ही डाया के दो तटबंध और खुरदा जिले के राजुआ में एक और तटबंध टूट गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के तत्काल बाद तटबंधों की मरम्मत कराई जाएगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कोरोना काल में जेईई और नीट की परीक्षाएं आयोजित कराने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कई राज्य सरकारें नजर आ रही हैं। पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित प्रदेशों के बाद अब ओडिशा सरकार भी नीट और जेईई की परीक्षा टालने के पक्ष में है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है और इन परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है। बता दें कि बुधवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग इस मुद्दे पर बैठक हुई थी।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान सीएम पटनायक ने पीएम मोदी से कोरोना वायरस के हालात और राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ के मद्देनजर नीट और जेईई की परीक्षाएं पोस्टपोन करने का अनुरोध किया। 

बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि नीट और जेईई परीक्षा स्थगित नहीं की जाएगी और निर्धारित समय पर होगी।

भुवनेश्वर: ओडिशा में बृहस्पतिवार को 494 लोगों के नमूनों की जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई और दो मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 15,000 से अधिक हो गई है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि महामारी से राज्य में अब तक 79 मरीजों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 23 जिलों से संक्रमण के नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में कुल मामलों की संख्या 15,392 हो गई। अधिकारी ने कहा कि 494 मामलों में से 322 मामले पृथक-वास केंद्रों से आए और 172 लोग संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बीमार हुए।

राज्य के सर्वाधिक प्रभावित जिले गंजाम से 246 मामले सामने आए जिसके बाद जिले में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,867 हो गई है। इसके अलावा खुर्दा से 64, कटक से 38 और बालासोर से 21 मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक वक्तव्य के अनुसार गंजम जिले में कोविड-19 से दो मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित 24 लोगों की मौत अन्य बीमारियों के कारण हुई। राज्य में अभी कोविड-19 के 4,813 मरीजों का इलाज चल रहा है और 10,476 मरीज बीमारी से ठीक हो चुके हैं।

पुरी: ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से संबंधित पांच हजार लोगों की कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया है। सरकार ने बुधवार को कहा कि इसमें सेवादार, पुलिस कर्मी और नगर पालिका के कर्मचारी भी शामिल होंगे। वहीं, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा है कि वह सेवादारों के परिवारों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवा केंद्र स्थापित करेगा।  कोरोना वायरस के चलते इस साल सदियों में पहली बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा वीरान सड़कों पर निकली। हर साल की तरह इस बार उनके दर्शन के लिए सड़कों पर उमड़ने वाला जनसैलाब नजर नहीं आया।

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस तीर्थ नगरी में सोमवार सुबह से बुधवार दोपहर तक कर्फ्यू लगा था। राज्य के मुख्य सचिव एके त्रिपाठी ने बताया कि रथ यात्रा को देखते हुए सोमवार की रात को बड़े स्तर पर सैंपल जमा करने का अभियान चलाया गया था। इसमें एक सेवादार की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। त्रिपाठी ने बताया कि इस संपर्क ट्रेसिंग में सेवादार के परिजनों समेत किल 16 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

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