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नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर लड़ाई लड़ रहे ओडिशा के स्वास्थ्य कर्मचारियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मियों को 4 महीने का अग्रिम वेतन भुगतान करना का फैसला लिया है। इसी के साथ ऐसा करने वाला ओडिशा पहला राज्य बन गया है। बता दें कोरोना के प्रकोप के बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारी अपने काम में जुटे हुए हैं। बता दें कि ओडिशा में कोरोना वायरस के अब तक दो मामले सामने आए हैं। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में इससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी में मौत का दूसरा मामला सामने आया। वहीं, तमिलनाडु में भी एक मौत हुई है। देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 562 हो गई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ओडिशा सरकार ने पहले ही अपने कई जिलों को लॉकडाउन कर दिया था। हालांकि मंगलवार की रात से पूरे देश को अगले तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन का एलान किया।

भुवनेश्वर: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार (21 मार्च) को राजधानी भुवनेश्वर सहित राज्य के 40 प्रतिशत हिस्सों को एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन करने के आदेश दिए हैं। लॉकडाउन पांच जिलों में -खुदार्, कटक, गंजाम, केंद्रपाड़ा और अंगुल के साथ-साथ आठ प्रमुख शहरों- पुरी, राउरकेला, संबलपुर, झारसुगुड़ा, बालासोर, जाजपुर रोड और जाजपुर शहर, भद्रक में 22 मार्च सुबह सात बजे से शुरू होकर 29 मार्च रात 9.00 बजे तक लागू रहेगा। हालांकि, हवाईयात्रा, ट्रेन, बस और आवश्यक सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई है। मुख्यमंत्री कायार्लय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा कि ये जिले ऐसे हैं, जहां विदेश से वापस लौटे कुल 3,200 में से 70 फीसदी से अधिक आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों से लौटे 3,000 से अधिक लोगों को घरेलू संगरोध (एकांतवास में रहने) की सलाह दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले चरण में हम इन सभी इलाकों में लगभग पूरी तरह से कल (रविवार) सुबह 7 बजे से लेकर 29 मार्च रात 9 बजे तक लॉकडाउन कर रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अपने घरों में ही रहें और केवल आवश्यक काम के लिए ही बाहर निकलें।”

पुरी: यस बैंक में आम आदमी के साथ-साथ पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के भी पैसे फंस गए हैं। आरबीआई के नए आदेश के बाद भक्त और पुजारी दोनों चिंतिंत हैं। यस बैंक की एक शाखा में भगवान जगन्नाथ के नाम से खुले अकाउंट में 545 करोड़ रुपए जमा हैं। इस मामले पर ओडिशा के मंत्री प्रताप जेना ने कहा है कि जगन्नाथ मंदिर के 592 करोड़ रुपए यस बैंक में जमा हैं। मार्च 2029 में फिक्स डिपॉजिट की अवधि पूरी होग जाएगा। इसका बाद मंदिर प्रबंधन पैसे निकालकर कसी राष्ट्रीय बैंक में जमा कराएगा। पैसे निकालने पर सिर्फ सेविंग अकाउंट पर प्रतिबंध है। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है।

इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है। रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक ही साथ टेबल पर लंच किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मौजूद थे। यह लंच पटनायक द्वारा उनके आवास पर ही आयोजित किया गया था। मीडिया में जारी की गईं तस्वीरों में नवीन पटनायक के आवास पर अमित शाह, नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, धर्मेंद्र प्रधान भोजन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल, अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक भुवनेश्वर में चल रही है। ईजेडसी की 24वीं बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल तथा बिहार के उनके समकक्ष क्रमश: ममता बनर्जी और नीतीश कुमार भाग ले रहे हैं। वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। बैठक में भाग लेने में असमर्थ सोरेन ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव को नियुक्त किया है।

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