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भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को ओडिशा उच्च न्यायालय ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने पांडा की स्वामित्व वाली कंपनी पर लगे दलितों की जमीन हड़पने के आरोप के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने पूर्व में दिए गए सभी अंतरिम आदेश भी खारिज कर दिए हैं। अदालत के इस कदम के बाद पांडा और उनकी पत्नी जागी पांडा पर गिरफ्तारी का संकट आ सकता है।

बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी ओडिशा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं। जानकारी के अनुसार बीती 31 अक्तूबर को ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि साल 2010 से 2013 के बीच पांडा दंपति ने दलित समुदाय के रबिंद्र कुमार सेठी पर दबाव डाला था और उन्हें 22 दलितों की 7.294 एकड़ जमीन खरीदने के लिए मजबूर किया था।

केंद्रपाड़ा: एक छठी कक्षा की बच्ची ने अपने पिता पर  मध्याह्न भोजन के पैसे और चावल हड़प लेने का आरोप लगाया है। शिकायत दर्ज कराने के लिए वह दस किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्टर के दफ्तर तक पहुंच गई। यह मामला ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिला के डुकुका गांव की है। डुकुका विद्यापीठ की छात्रा संगीता सेठी जो कि महज ग्यारह साल की है, ने स्थानीय कलेक्टर समर्थ वर्मा से मिलकर अपने पिता रमेश चंद्र सेठी पर मध्याह्न भोजन के पैसे और चावल जबरन लेने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में उसने कहा कि उसकी मां की दो साल मौत हो गई। इसके बाद उसके पिता ने पिछले साल दोबारा शादी कर ली। तब से वह अपने चाचा के घर रह रही है। बच्ची के मुताबिक, उसके पिता और सौतेली मां ने उसकी देखभाल करने से इंकार कर दिया था। आपको बता दें कि सरकार कोविड-19 के कारण से एमडीएम के लिए छात्रों और उनके अभिभावकों के बैंक खातों में पैसे भेज रही है। उसके हिस्से का चावल उसके पिता ले आ रहे हैं। बच्ची ने कहा कि उसके पास एक बैंक खाता है लेकिन स्कूल के अधिकारी उसके पिता के खाते में पैसा जमा कर रहे हैं।

नई दिल्ली: ओडिशा के माओवाद प्रभावित मलकानगिरी जिले में लगभग एक दर्जन आदिवासियों की अज्ञात बीमारियों से मृत्यु होने के तीन महीने बाद, जिले के एक गांव में कम से कम 10 लोग पिछले 3 महीनों में किसी अज्ञात जलजनित बीमारी के शिकार हो गए हैं।

जिले के मथिली ब्लॉक के अंतर्गत सोदिगुडा गांव में कम से कम 10 आदिवासियों की मौत की रिपोर्ट सामने आई। मलकानगिरी के जिला कलेक्टर मनीष अग्रवाल ने कहा कि एक मेडिकल टीम ने गांव का दौरा किया और क्षेत्र के लोगों के ब्लड सैंपल लिए। हमने क्षेत्र में उपलब्ध पीने के पानी का एक नमूना भी लिया है। हमारी मेडिकल टीम गाँव में नियमित रूप से परीक्षण करवा रही है। लेकिन अभी तक मौतों का सही कारण पता नहीं चल पाया है।

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि बीमारी कथित तौर पर शरीर की सूजन से शुरू होती है जिसके बाद रोगी को भूख लगता बंद हो जाती है। एक ग्रामीण ने कहा कि जो लोग मर गए, वे कई दिन से कमजोर हो गए थे और दम तोड़ दिया।

भुवनेश्वर: भुवनेश्वर में लॉकडाउन के दौरान 13 वर्षीय नाबालिग से सात लोगों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। भुवनेश्वर के डीसीपी यूएस दास ने रविवार को बताया कि इस जघन्य कृत्य में नाबालिग की मां के सहकर्मियों सहित कम से कम सात व्यक्ति शामिल थे, और उसकी मां के सहकर्मी फरार चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लड़की की मां ने इस घटना की शिकायत इंफो-सिटी पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। वह यहां के एक प्रमुख निजी टीवी चैनल की कर्मचारी है। यह मामला 30 अगस्त को महिला थाने में स्थानांतरित कर दिया गया।

नाबालिग, अपनी मां के साथ इंफो-सिटी में एक किराये के मकान में रहती हैं, जबकि उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्य यहां से 85 किलोमीटर से अधिक दूर केंद्रपाड़ा जिले में रहते हैं। यह घटना लॉकडाउन के दौरान मार्च-अप्रैल में घटी, लेकिन उस वक्त शिकायत नहीं दर्ज कराई गई, क्योंकि दोनों सहकर्मियों ने पीड़िता की मां को पुलिस को बताने पर लड़की की हत्या करने की धमकी दी थी। हालांकि, पीड़िता की मां ने अगस्त के अंत में पुलिस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराते हुए अपने दो सहकर्मियों, दो निजी सुरक्षा कर्मियों, एक पुलिसकर्मी और उसके दो अन्य पर अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।

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